Jharkhand News: 1 नंबर के लिए चुकाए 4.75 लाख रुपये, गाड़ियों में च्वाइस नंबर का बढ़ा क्रेज
झारखंड में गाड़ियों के लिए पसंदीदा नंबर लेने का क्रेज बढ़ रहा है। हाल ही में, एक व्यक्ति ने '1' नंबर पाने के लिए 4.75 लाख रुपये की बोली लगाई। यह दिखाता है कि लोगों में अपनी गाड़ियों के लिए खास नंबर पाने की कितनी दीवानगी है। गाड़ियों में च्वाइस नंबर का क्रेज लगातार बढ़ रहा है, और लोग इसके लिए मोटी रकम चुकाने को भी तैयार हैं।

यह च्वाइस नंबर है 4141, जो जोड़कर बनता है पापा, इसकी भी खूब है डिमांड।
शक्ति सिंह, रांची। राजधानी रांची में वाहनों के “च्वाइस नंबर” का क्रेज दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। लोगों में पसंदीदा नंबर पाने की होड़ इस कदर है कि कई वाहन मालिक आठ-आठ सीरीज की छलांग लगाकर अपने मनपसंद नंबर बुक करा रहे हैं।
धनतेरस के मौके पर तो यह उत्साह चरम पर दिखा। एक वाहन मालिक ने एक नंबर के लिए निर्धारित एक लाख रुपये की जगह 4.75 लाख रुपये शुल्क अदा कर नंबर बुक कराया।
रांची जिला परिवहन कार्यालय (डीटीओ) से केवल च्वायस नंबरों से ही विभाग को इस धनतेरस पर 5.93 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। इस अवधि में लगभग 3800 वाहनों की बुकिंग दर्ज की गई।
लगातार बढ़ रही है रजिस्ट्रेशन की संख्या
वर्ष 2025 में अक्टूबर तक अब तक 1.09 लाख वाहनों का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष के करीब पहुंच चुका है, जब कुल 1.14 लाख वाहन पंजीकृत हुए थे। हर साल रजिस्ट्रेशन और च्वायस नंबर बुकिंग दोनों में निरंतर बढ़ोतरी देखी जा रही है।
इन नंबरों पर सबसे ज्यादा दीवानगी
- लोगों के बीच कुछ विशेष नंबरों के प्रति जबरदस्त आकर्षण देखा जा रहा है।
- 0018 नंबर को अब तक 20 बार बुक कराया जा चुका है।
- 0777 नंबर की बुकिंग 19 बार हुई है।
- 0025 और 0012 दोनों नंबरों को 17-17 बार,
- जबकि 0001 नंबर को 12 बार बुक कराया गया है।
- इनके अलावा भी कई अन्य नंबरों की लगातार मांग बनी हुई है।
‘नाम जैसे नंबर’ की भी बढ़ी है मांग
कुछ वाहन मालिक अपने नाम या शब्दों से मेल खाते नंबरों को प्राथमिकता दे रहे हैं। उदाहरण के लिए —
“यादव” लिखने के लिए 4160,
“पापा” के लिए 4141,
और “बॉस” के लिए 8055 नंबरों की बुकिंग अधिक हो रही है।
सड़कों पर ऐसे वाहनों को देखकर अब यह चलन तेजी से लोकप्रिय हो गया है।
सीरीज की छलांग पर 25 हजार रुपये अतिरिक्त शुल्क
च्वायस नंबर पाने के लिए मालिक सीरीज की छलांग भी लगा रहे हैं। हर सीरीज की छलांग पर 25 हजार रुपये का अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता है।
हाल ही में एक वाहन मालिक ने आठ सीरीज की छलांग लगाते हुए अपना मनपसंद नंबर बुक कराया। वर्तमान में “जीजे” सीरीज जारी है, लेकिन वाहन मालिक ने “जीआर” सीरीज में जाकर नंबर प्राप्त किया।
लोगों के शौक से बढ़ रहा राजस्व
परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, च्वायस नंबरों के प्रति लोगों की दीवानगी से न केवल वाहन मालिक अपनी पसंद पूरी कर रहे हैं, बल्कि सरकार को भी राजस्व का बड़ा लाभ हो रहा है। विभाग का कहना है कि आने वाले महीनों में यह आय और बढ़ेगी, क्योंकि त्योहारों के बाद भी रजिस्ट्रेशन का सिलसिला जारी रहेगा।
च्वायस नंबर के लिए निर्धारित शुल्क :::
नंबर बेस प्राइस
- 0001 एक लाख रुपये
- 0011, 0022, 0033, 0044
0055, 0066, 0077, 0088,
0099 50 हजार रुपये
1111, 2222, 3333, 4444,
5555, 6666, 7777, 8888
9999 50 हजार रुपये
- 786 50 हजार रुपये
1001, 2002, 3003, 4004,
5005, 6006, 7007,8008
9009 25 हजार रुपये
- 101, 123, 234,306, 345, 369, 405, 456,567,
678, 789, 909, 1188, 1234, 1314, 1818, 1899, - 15 हजार रुपये।
इस वित्तीय वर्ष में च्वाइस नंबर की मांग अधिक रही है। लोग सीरिज छलांग लगाकर च्वायस नंबर बुक करा रहे हैं।
- अखिलेश कुमार, डीटीओ, रांची।

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