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    Jharkhand: चिटफंड कंपनियों से जुड़े मामलों में सीबीआई ने दर्ज की दो FIR, हाईकोर्ट ने दिए हैं CBI जांच के आदेश

    By Dilip KumarEdited By: Mohit Tripathi
    Updated: Thu, 30 Mar 2023 12:31 AM (IST)

    सीबीआई की रांची स्थित आर्थिक अपराध शाखा में बुधवार को चिटफंड कंपनियों से जुड़े दो मामलों में अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। डीजेएन ग्रुप के विरुद्ध रांची के लालपुर और जैनिथ मार्केटिंग एवं कंस्ल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड पर जगन्नाथपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

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    रांची के लालपुर थाने में डीजेएन ग्रुप और डोरंडा थाने में जैनिथ मार्केटिंग एवं कंस्ल्टेंसी पर दर्ज हुई थी प्राथमिकी।

    राज्य ब्यूरो, रांची: सीबीआई की रांची स्थित आर्थिक अपराध शाखा में बुधवार को चिटफंड कंपनियों से जुड़े दो मामलों में अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। इन कंपनियों में डीजेएन ग्रुप और जैनिथ मार्केटिंग एवं कंस्लटेंसी प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।

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    सीबीआई टेकओवर कर रही सभी प्राथमिकियां

    डीजेएन ग्रुप के विरुद्ध रांची के लालपुर और जैनिथ मार्केटिंग एवं कंस्ल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड पर जगन्नाथपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इन कंपनियों पर अलग-अलग थानों में भी कई प्राथमिकियां दर्ज थीं, जिन्हें एक-एक कर सीबीआई टेकओवर कर रही है।

    उच्च न्यायालय ने दिया है सीबीआई जांच का आदेश

    झारखंड उच्च न्यायालय का स्पष्ट आदेश है कि चिटफंड से जुड़े मामलों की जांच सीबीआई करेगी। उसी आदेश के आलोक में बुधवार सीबीआई ने इन दोनों कांडों को भी टेकओवर करते हुए केस दर्ज किया है।

    डीजेएन ग्रुप से संबंधित मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा की डीएसपी लिली नूतन मुर्मू को और जैनिथ मार्केटिंग एवं कंस्लटेंसी प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े मामले की जांच की जिम्मेदारी इंस्पेक्टर सुरभी मित्रा को दी गई है।

    2017 में चिटफंड कंपनी डीजेएन ग्रुप के खिलाफ दर्ज हुई थी प्राथमिकी

    रांची के लालपुर थाने में तीन मई 2017 को चिटफंड कंपनी डीजेएन ग्रुप के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज हुई थी। इसमें कंपनी के प्रबंध निदेशक जितेंद्र मोहन सिन्हा, प्रोपराइटर विशाल कुमार सिन्हा, निदेशक प्रशांत कुमार सिन्हा, तकनीकी प्रबंधक इवाटोली संतोष व विवेक कुमार सिन्हा को आरोपी बनाया गया था।

    भारी ब्याज का सपना दिखाकर करोड़ों की ठगी का आरोप

    इस कंपनी पर निवेशकों को भारी ब्याज का सपना दिखाकर करोड़ों रुपये की ठगी का आरोप है। सभी आरोपियों ने मिल-जुलकर डीजेएन कमोडिटीज नाम से निवेशकों से रुपयों को ऑनलाइन व्यवसाय के नाम पर जमा कराया था। चिटफंड का मामला उजागर होने के बाद रांची के लालपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई थी, जिसके बाद कंपनी से जुड़े आधा दर्जन पदाधिकारी गिरफ्तार किए गए थे।

    2015 में जैनिथ मार्केटिंग एंड कंस्ल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ दर्ज हुआ था मामला

    रांची के डोरंडा थाने में एक मई 2015 को जैनिथ मार्केटिंग एंड कंस्ल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई थी। यहां भी ब्याज के रूप में मोटी रकम देने का झांसा देकर निवेशकों से करोड़ों रुपये जमा करवाया गया था।

    कंपनी हो गई थी फरार

    इसके बाद कंपनी सभी रुपये लेकर फरार हो गई थी। तब डोरंडा थाने में जगरनाथपुर थाना क्षेत्र के शिव नगर, लटमा सिंहमोड़ निवासी प्रवीण कुमार सिंह के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। यह प्राथमिकी कंपनी के एजेंटों ने ही दर्ज कराई थी, जिन्होंने निवेशकों से पैसे लेकर कंपनी में जमा कराया था, लेकिन कंपनी ने ब्याज तो दूर, पूरे पैसे की ठगी कर ली थी।

    ईडी भी कर रही है जांच

    पूर्व में भी डीजेएन ग्रुप पर सीबीआई में केस दर्ज है, जिसके आधार पर ईडी ने मनी लांड्रिंग के तहत जांच शुरू की थी। ईडी ने दो जनवरी 2020 को डीजेएन ग्रुप की 1.66 करोड़ की चल-अचल संपत्ति जब्त की थी।