Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    झारखंड में नियोजन और रोजगार की राह में एक नए अध्याय की होगी शुरुआत

    कर्मचारी चयन आयोग अलग प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा न लेकर एक ही परीक्षा से सभी को नियुक्ति देने की प्रक्रिया पूरी करे। यह कहना गलत नहीं होगा कि कैबिनेट से यह प्रस्ताव पास होने के बाद झारखंड में नियोजन और रोजगार की राह में एक नए अध्याय की शुरुआत होगी।

    By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Fri, 06 Aug 2021 02:06 PM (IST)
    Hero Image
    नियुक्ति की नई नियमावली बनाने में जुटी झारखंड सरकार पुरानी विसंगतियों को दूर कर कई सराहनीय कदम उठा रही।

    रांची, स्टेट ब्यूरो। झारखंड सरकार ने स्थानीय लोगों को रोजगार देने के वादे की ओर कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है। इसकी शुरुआत नियमावली में सुधार और सभी वर्गो को एक समान अवसर मुहैया कराने के सोच के साथ होने जा रही है। कई विभागों में नियोजन के लिए नई नियमावली बना दी गई है और कुछ विभागों में संशोधन का काम चल रहा है। तमाम प्रयासों में सरकार की स्पष्ट मंशा दिखती है कि झारखंड में रहनेवाले लोगों को अधिक से अधिक अवसर मुहैया कराया जाए। यह सोच पूर्व के कई निर्णयों में भी देखने को मिला है। अगली कड़ी में राज्य सरकार झारखंड से पढ़ाई करनेवाले युवाओं को तरजीह देने की कोशिशों में जुटी दिख रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सरकार की कोशिश है कि झारखंड से मैटिक और इंटर की पढ़ाई करनेवालों को तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में प्राथमिकता दी जाए। इसके लिए प्रस्ताव भी तैयार हो चुका है और इस प्रस्ताव पर विधि विभाग, वित्त विभाग से लेकर महाधिवक्ता तक के परामर्श लिए जा रहे हैं। जाहिर सी बात है कि इन सभी के परामर्श के बाद जो व्यवस्था बनेगी वह पूरी तरह से दुरुस्त होगी। नियुक्ति नियमावली तैयार होने के बाद रोजगार की राह के रोड़े भी खत्म होंगे और कानूनी अड़चनों को भी समाप्त करने की कोशिश की जा रही है।

    इन तमाम प्रक्रियाओं का लाभ यह होगा कि आनेवाले दिनों में नियुक्तियों को लेकर सरकार के सामने कम से कम चुनौती होगी और आसानी से नियोजन का मार्ग प्रशस्त होगा। साथ ही झारखंड कर्मचारी चयन आयोग भी सही तरीके से काम कर सकेगा। सरकार ऐसी कोई गलती नहीं करना चाहती जैसी जेपीएससी का परिणाम जारी करने के क्रम में हुई। नियुक्ति नियमावली में संशोधन के माध्यम से पहली बार यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कर्मचारी चयन आयोग अलग-अलग प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा न लेकर एक ही परीक्षा से सभी को नियुक्ति देने की प्रक्रिया को पूरी करे। यह कहना गलत नहीं होगा कि कैबिनेट से यह प्रस्ताव पास होने के बाद झारखंड में नियोजन और रोजगार की राह में एक नए अध्याय की शुरुआत होगी।