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    झारखंड के चतरा से कमाने के ल‍िए असगर गया था सउदी अरब, पंद्रह द‍िन बाद घर आया उसका शव

    By Sanjay KumarEdited By:
    Updated: Sat, 11 Dec 2021 09:42 AM (IST)

    Jharkhand Chatara News वतन की मिट्टी(Vatan Ki Mittee) के लिए पंद्रह दिनों से सउदी अरब(Saudi Arabia) में पड़ा मो. असगर का जनाजा(Funeral) शुक्रवार को देर रात करीब 1100 बजे पैतृक गांव(Native Village) पहुंच गया। असगर राजपुर थाना(Rajpur Police Station) क्षेत्र के मदगडा गांव का रहने वाला था।

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    सउदी से वतन आया असगर का जनाजा, हुआ सुपूर्द-ए-खाक, 15 दिन पहले हुई थी मौत

    कान्हाचट्टी (चतरा)। Jharkhand Chatara News : वतन की मिट्टी (Vatan Ki Mittee) के लिए पंद्रह दिनों से सउदी अरब (Saudi Arabia) में पड़ा मो. असगर का जनाजा (Funeral) शुक्रवार को देर रात करीब 11:00 बजे पैतृक गांव (Native Village) पहुंच गया। असगर राजपुर थाना (Rajpur Police Station) क्षेत्र के मदगडा गांव का रहने वाला था। जिसके बाद स्वजनों एवं ग्रामीणों ने मिलकर जनाजे को गांव के कब्रिस्तान (Cemetery) में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया। मो. असगर की मौत 15 दिन पूर्व हृदय गति रुकने से सउदी अरब के रियाद शहर (Riyadh City) में हो गई थी। वह वहीं पर पिछले तीन वर्षों से काम करता था।

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    अस्पताल ले जाने के क्रम में ही हो गई मौत:

    स्वजनों ने बताया कि 23 नवंबर की रात अचानक उसके सीने में दर्द हुआ और मूर्छित होकर गिर गया। आसपास के लोग मोहम्मद असगर को नजदीकी अस्पताल लेकर गए। अस्पताल ले जाने के क्रम में ही उसकी मौत हो गई। चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मौत की खबर उनके परिजनों को दी गई।

    मध्य रात्रि को ही असगर के जनाजे को कर दिया सुपुर्द-ए-खाक 

    असगर का जनाजा लाने को लेकर परिजन परेशान थे। उन्होंने इसकी गुहार स्थानीय विधायक सह राज्य सरकार के श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण मंत्री सत्यानंद भोक्ता से लगाई। श्रम मंत्री तत्परता दिखाते हुए जिला प्रशासन को कागजी औपचारिकताओं को पूरा करते हुए विदेश मंत्रालय से पत्राचार का निर्देश दिया इन प्रयासों के बाद शुक्रवार को हवाई मार्ग से असगर का शव कोलकाता आया और कोलकाता से फिर सड़क मार्ग से उसका पैतृक गांव आया। मध्य रात्रि को ही स्वजनों और ग्रामीणों ने मिलकर असगर के जनाजे को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया।

    15 दिनों तक पूरा परिवार संकट से होते रहा दो-चार हो

    ग्रामीणों ने बताया कि जनाजे को लेकर स्वजन काफी परेशान थे। मौत की सूचना के बाद से ही लोगों में अफरा-तफरी की स्थिति बनी हुई थी. 15 दिनों तक पूरा परिवार संकट से दो-चार हो होते रहा।