Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jharkhand News: जेल में बंद पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम को एक और झटका, टेंडर कमीशन घोटाले का है आरोपी

    Updated: Thu, 13 Jun 2024 03:54 PM (IST)

    Jharkhand News Today टेंडर कार्य आवंटन कमीशन घोटाले से संबंधित मनी लांड्रिंग मामले में जेल में बंद ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम को एक और झटका लगा है। हाई कोर्ट ने 16 मई 2024 को जारी आदेश में लोकायुक्त झारखंड के आदेश को बरकरार रखा है और वीरेंद्र राम की याचिका को खारिज कर दी है।

    Hero Image
    Jharkhand News: पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम को झटका (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand News: टेंडर कार्य आवंटन कमीशन घोटाले से संबंधित मनी लांड्रिंग मामले में जेल में बंद ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम को एक और झटका लगा है। हाई कोर्ट ने 16 मई 2024 को जारी आदेश में लोकायुक्त झारखंड के आदेश को बरकरार रखा है और वीरेंद्र राम की याचिका को खारिज कर दी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब इस मामले में उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी हो सकेगी। झारखंड के तत्कालीन लोकायुक्त ने 19 नवंबर 2018 को जारी आदेश में वीरेंद्र राम के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को लिखा था। वीरेंद्र राम के विरुद्ध यह पहला मामला था, जिसमें लोकायुक्त ने उनपर भ्रष्टाचार का मामला पकड़ा था।

    इसके एक साल बाद 13 नवंबर 2019 को एसीबी जमशेदपुर ने भ्रष्टाचार का मामला तो पकड़ा, लेकिन वीरेंद्र राम के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की। एसीबी जमशेदपुर में दर्ज केस व 11 जनवरी 2020 को दाखिल चार्जशीट के आधार पर ही ईडी ने 17 सितंबर 2020 को ईसीआइआर किया और सबसे पहले गत वर्ष 23 फरवरी 2023 को वीरेंद्र राम को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

    एसीबी की चार्जशीट भी सिर्फ कनीय अभियंता सुरेश प्रसाद वर्मा व वीरेंद्र राम के भतीजे आलोक रंजन के विरुद्ध हुई थी। इसमें वीरेंद्र राम का नाम नहीं था, जबकि आलोक रंजन के आवास से बरामद 2.67 करोड़ रुपये नकदी मिले थे और जांच में यह खुलासा भी हो गया था कि रुपये वीरेंद्र राम के हैं।  

    ईडी ने वीरेंद्र राम, ग्रामीण विकास मंत्री सहित आठ को गिरफ्तार कर भेजा है जेल

    ईडी ने एसीबी जमशेदपुर में दर्ज केस में ईसीआइआर कर जांच के क्रम में अब तक ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के अलावा उनके भतीजा आलोक रंजन, वीरेंद्र राम के चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल के सहयोगी हरीश यादव, उनके सहयोगी नीरज मित्तल, रामप्रकाश भाटिया, तारा चंद, ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व मंत्री आलमगीर आलम, आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल, संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम को गिरफ्तार कर लिया है। 

    क्या है लोकायुक्त के यहां दर्ज मामला

    झारखंड के तत्कालीन लोकायुक्त के यहां 2018 में ही सरायकेला-खरसांवा के आदित्यपुर निवासी राजीव दुबे ने लिखित शिकायत की थी। उनकी शिकायत थी कि सड़क मरम्मत के एक ठेके में उसने भी निविदा डाला था, लेकिन उसे नहीं मिला। वह कार्य मेसर्स गौरव कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित हुआ था। राजीव दुबे ने लोकायुक्त से शिकायत की थी कि जिसे कार्य आवंटित हुआ है, उसने फर्जीवाड़ा किया है, जिसके आधार पर गलत तरीके से उसे कार्य आवंटित किया गया है।

    लोकायुक्त की जांच में बैंक गारंटी फर्जी निकला

    लोकायुक्त ने अपने स्तर से जांच करवाया तो जिसे कार्य आवंटन हुआ था, उसका बैंक गारंटी फर्जी निकला था। उसने गलत जानकारी के आधार पर कार्य आवंटित कराया था। इसमें तत्कालीन मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम की भूमिका सामने आई थी और उनपर भ्रष्टाचार के आरोपों की पुष्टि के बाद लोकायुक्त ने एक आदेश जारी कर राज्य सरकार से वीरेंद्र राम के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की थी।

    वीरेंद्र राम ने लोकायुक्त के इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी और बताया था कि दस्तावेज जांच उनके अधीन नहीं आता, लोकायुक्त ने अपने दायरे से आगे जाकर उनके विरुद्ध आदेश जारी किया है, इसलिए लोकायुक्त के आदेश को निरस्त किया जाए। वीरेंद्र राम ने वर्ष 2018 में ही हाई कोर्ट में लोकायुक्त के आदेश को चुनौती दी थी, जिसे गत माह 16 मई को हाई कोर्ट ने खारिज करते हुए लोकायुक्त के आदेश को बरकरार रखा है।

    Jharkhand News: एक आलमगीर के विकल्प होंगे दो नेता, आज लगेगी मुहर; दावेदारी के लिए कई विधायक पहुंचे दिल्ली

    Jharkhand Jobs: झारखंड में होगी शिक्षकों की बंपर बहाली, सिपाहियों की भी होगी भर्ती; CM चंपई सोरेन का बड़ा एलान