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    झारखंड मेडिकल यूनिवर्सिटी: ब्राम्बे का पंचायती राज संस्थान बनेगा अस्थायी कैंपस, 48 एकड़ में फैले 45 भवनों से होगा संचालन

    By NEERAJ KUMAR AMBASTAEdited By: Chandan Sharma
    Updated: Thu, 18 Dec 2025 03:23 PM (IST)

    झारखंड में चिकित्सा शिक्षा को मजबूत करने के लिए मेडिकल यूनिवर्सिटी की शुरुआत रांची के ब्राम्बे स्थित पंचायती राज संस्थान से होगी। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. ...और पढ़ें

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    झारखंड के सभी मेडिकल कॉलेज मेडिकल यूनिवर्सिटी के नियंत्रण में होंगे।

    स्टेट ब्यूरो, रांची। झारखंड में चिकित्सा शिक्षा को मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रस्तावित मेडिकल यूनिवर्सिटी की शुरुआत अस्थायी रूप से रांची के ब्राम्बे स्थित पंचायती राज संस्थान (PRI) परिसर से की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी तथा विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने बुधवार को स्थल का निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। 

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    निरीक्षण के दौरान मंत्री ने कहा कि मेडिकल यूनिवर्सिटी की शुरुआत इसी परिसर से होगी, जहां पर्याप्त जगह उपलब्ध है। ब्राम्बे स्थित पंचायती राज संस्थान में कुल 67 एकड़ भूमि है, जिसमें से 48 एकड़ पर एकेडमिक भवन, छात्रावास, सभाकक्ष सहित 45 छोटे-बड़े भवन पहले से बने हुए हैं। इनका उपयोग अस्थायी व्यवस्था तक विश्वविद्यालय संचालन के लिए किया जाएगा।

    मंत्री ने बताया कि स्थायी कैंपस के लिए अलग से भूमि चिह्नित करने की प्रक्रिया चल रही है। मेडिकल यूनिवर्सिटी की स्थापना से राज्य में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को नया आयाम मिलेगा। इससे लगभग 500 से अधिक स्वास्थ्य संस्थान (मेडिकल कॉलेज, अस्पताल आदि) इससे जुड़कर लाभान्वित होंगे, जिससे झारखंड में डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ेगी और मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा।

    बजट की घोषणा और यूनिवर्सिटी का नियंत्रण

    झारखंड सरकार चिकित्सा सेवाओं को विस्तार देने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने अपने बजट में भीराज्य के छह महत्वपूर्ण शहरों में नए मेडिकल कॉलेज खोलने की ऐतिहासिक घोषणा की थी। सरकार की योजना है कि झारखंड मेडिकल यूनिवर्सिटी केवल एक संस्थान बनकर न रहे, बल्कि यह राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की धुरी बने।

    भविष्य में राज्य के सभी सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेज इसी यूनिवर्सिटी के अधीन काम करेंगे। अब तक राज्य के मेडिकल कॉलेज अलग-अलग क्षेत्रीय विश्वविद्यालयों (जैसे रांची यूनिवर्सिटी, सिधु-कान्हू मुर्मू यूनिवर्सिटी आदि) से संबद्ध थे, जिससे परीक्षाओं और परिणामों में देरी जैसी समस्याएं आती थीं। अब इस नई मेडिकल यूनिवर्सिटी के पास ही सभी कॉलेजों का प्रशासनिक और शैक्षणिक नियंत्रण होगा।

    500 से अधिक संस्थानों को मिलेगा सीधा लाभ

    स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने इस पहल को झारखंड के लिए मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि इस यूनिवर्सिटी के अस्तित्व में आने से राज्य के लगभग 500 स्वास्थ्य संस्थान (मेडिकल कॉलेज, डेंटल कॉलेज, नर्सिंग और पैरामेडिकल संस्थान) एक सूत्र में बंध जाएंगे।

    इससे न केवल मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि झारखंड में डॉक्टरों की उपलब्धता भी बढ़ेगी, जिसका सीधा फायदा राज्य के दूर-दराज के मरीजों को मिलेगा।

    आत्मनिर्भर झारखंड की ओर बढ़ते कदम

    यह कदम राज्य सरकार की उस स्वास्थ्य रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना और उनके सुचारू संचालन के लिए एक केंद्रीकृत व्यवस्था बनाई जा रही है। मेडिकल यूनिवर्सिटी की स्थापना से झारखंड अब स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में मजबूती से कदम बढ़ा चुका है।