Jharkhand को केंद्र से मिल सकते हैं छह नए मेडिकल कालेज, इन जगहों के सदर अस्पतालों को अपग्रेड करने का है प्रस्ताव
झारखंड को केंद्र से छह नए मेडिकल कालेजों की स्वीकृति मिल सकती है। राज्य सरकार के मंत्री सुदिव्य कुमार ने जुलाई माह में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मिलकर राज्य के खूंटी समेत छह जिलों के सदर अस्पतालों को अपग्रेड कर पीपीपी मोड पर संचालित करने का प्रस्ताव दिया था।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड को केंद्र से छह नए मेडिकल कालेज की स्वीकृति मिल सकती है। राज्य सरकार के मंत्री सुदिव्य कुमार ने जुलाई माह में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मिलकर राज्य के छह जिलों के सदर अस्पतालों को अपग्रेड कर पीपीपी मोड पर संचालित करने का प्रस्ताव दिया था।
मुलाकात के दौरान उनके साथ केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी तथा सांसद विजय हांसदा भी थे। अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सुदिव्य कुमार को पत्र लिखकर उनके प्रस्ताव पर संज्ञान लेने की जानकारी दी है। कहा है कि उनके प्रस्ताव को मंत्रालय के संबंधित डिविजन से जांच करा रहे हैं।
राज्य सरकार ने जिन जिलों के सदर अस्पतालों को मेडिकल कालेज के रूप में अपग्रेड करने का प्रस्ताव दिया है, उनमें धनबाद, देवघर, खूंटी, गिरिडीह, जामताड़ा और पूर्वी सिंहभूम सम्मिलित हैं।
मंत्री ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से यह कहते हुए इन परियोजनाओं के लिए शीघ्र स्वीकृति एवं वित्तीय सहायता प्रदान करने का आग्रह किया था कि इससे झारखंड में तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हो सकेगा और राज्य के नागरिकों को सुलभ एवं उन्नत चिकित्सा सुविधा प्राप्त हो सकेगी।
बताते चलें कि राज्य सरकार ने भी वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट प्रस्तावों में खूंटी, गिरिडीह, जमशेदपुर, देवघर और जामताड़ा में पीपीपी मोड पर नए मेडिकल कालेज खोलने की योजना को सम्मिलित किया है।
राज्य सरकार का प्रयास है कि इसके लिए केंद्र सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त की जा सके। इधर, सुदिव्य ने उनके प्रस्ताव पर संज्ञान लेने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के प्रति आभार प्रकट करते हुए उम्मीद जताई है कि झारखंड को आगे भी केंद्र से सहयोग मिलता रहेगा।
RIMS-2 परियोजना : एक नया मेडिकल हब
इन प्रस्तावों के समानांतर, राजधानी रांची में रिम्स-2 के रूप में एक नया सुपर स्पेशियलिटी मेडिकल हब स्थापित करने की प्रक्रिया भी तेज हो गई है।
लगभग 4000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह मेगा प्रोजेक्ट राज्य के लिए AIIMS स्तर की सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में मील का पत्थर होगा।
प्रस्तावित मेडिको सिटी में मेडिकल कॉलेज, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, रिसर्च सेंटर और अत्याधुनिक लैब्स की व्यवस्था की जाएगी।
राज्य सरकार की यह दोहरी रणनीति,एक ओर जिला स्तर पर मेडिकल कॉलेज खोलना और दूसरी ओर राजधानी में उच्च स्तरीय मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना यह संकेत देती है कि झारखंड अब स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है।
झारखंड में छह नए मेडिकल कॉलेजों की स्वीकृति और RIMS-2 जैसे प्रोजेक्ट्स से स्पष्ट है कि राज्य सरकार चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के भविष्य को लेकर गंभीर और सक्रिय है।
यदि केंद्र सरकार का अपेक्षित सहयोग मिला, तो यह पहल झारखंड को पूर्वी भारत का मेडिकल हब बनाने की दिशा में एक ठोस कदम सिद्ध हो सकता है।
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