झारखंड में बचे हैं करीब 130 माओवादी, मार्च तक सफाये का दावा; कई पर करोड़ों का इनाम
झारखंड में पुलिस का दावा है कि झारखंड में 95% से अधिक माओवादियों का सफाया हो चुका है। अब लगभग 130 माओवादी ही सक्रिय हैं जिन्हें 31 मार्च तक खत्म करने का लक्ष्य है। सबसे ज्यादा माओवादी चाईबासा के सारंडा जंगल में हैं। सुरक्षा बलों ने हाल के महीनों में कई माओवादियों को मार गिराया है और भारी मात्रा में हथियार बरामद किए हैं।

राज्य ब्यूरो, रांची। पुलिस का दावा है कि राज्य में 95 प्रतिशत से अधिक माओवादियों का सफाया हो चुका है और अब लगभग 130 माओवादी ही झारखंड में सक्रिय हैं। इनका भी 31 मार्च तक सफाया करने का लक्ष्य रखा गया है।
सबसे ज्यादा लगभग 75 माओवादी चाईबासा के सारंडा जंगल में सक्रिय हैं, जबकि बोकारो, लातेहार, चतरा, लोहरदगा व पलामू में 24 माओवादी सक्रिय हैं।
भाकपा माओवादी के अलावा अन्य माओवादी संगठनों में टीएसपीसी (तृतीय सम्मेलन प्रस्तुतित कमेटी), पीएलएफआई (पीपुल्स लिब्रेशन फ्रंट ऑफ इंडिया) और जेजेएमपी (झारखंड जन मुक्ति परिषद) की सक्रियता झारखंड में हैं, जबकि कई संगठनों का पूरी तरह खात्मा हो चुका है।
राज्य के माओवाद प्रभावित 19 जिलों की संख्या घटकर अब छह हो गई है। वहीं, जिन जिलों में इनकी सक्रियता है, वहां ये गिनती भर के रह गए हैं।
हाल के चार महीने में सुरक्षा बलों की ताबड़तोड़ कार्रवाई ने माओवादियों के मनोबल को तोड़ा है। 21 अप्रैल को बोकारो के लुगु पहाड़ी पर मुठभेड़ में एक करोड़ के इनामी प्रयाग मांझी उर्फ विवेक सहित आठ माओवादी मारे गए।
इसी जिले में 16 जुलाई को भी गोमिया में पुलिस से मुठभेड़ में पांच लाख का इनामी कुंवर मांझी उर्फ सहदेव मांझी सहित दो ढेर हुए। इसी महीने 26 जुलाई को गुमला जिले में लोहरदगा सीमा पर जेजेएमपी के दो माओवादी मुठभेड़ में मारे गए।
सारंडा क्षेत्र में हथियार, विस्फोटक आदि की खरीददारी के लिए रखे गए करीब 35 लाख रुपये को भी सुरक्षा बलों ने बरामद किया है। भारी मात्रा में हथियार बरामद हो चुके हैं।
छह जिलों में माओवादी, दो जिलों में टीएसपीसी हैं मौजूद
राज्य में छह जिलों में भाकपा माओवादी, दो जिलों में टीएसपीसी, तीन जिलों में जेजेएमपी व इक्का-दुक्का पीएलएफआई मौजूद हैं। जिन छह जिलों में भाकपा माओवादियों की उपस्थिति है। यहां एक-एक करोड़ के चार इनामी सहित सभी बड़े इनामी माओवादियों की मौजूदगी है।
अन्य पांच जिलों में बोकारो, लातेहार, चतरा, लोहरदगा व पलामू जिला शामिल हैं। इन पांच जिलों में 25 माओवादी हैं। पलामू व चतरा सीमा पर माओवादी संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) की उपस्थिति है, जो करीब दस की संख्या में हैं।
लोहरदगा, गुमला जिले में सीमावर्ती क्षेत्र में झारखंड जन मुक्ति परिषद (जेजेएमपी) के माओवादियों की संख्या 15 है। खूंटी-गुमला क्षेत्र में माओवादी संगठन पीएलएफआई के इक्का-दुक्का सदस्य हैं, जिनका नेतृत्व मार्टिन केरकेट्टा कर रहा है।
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