Jharkhand Liquor Scam: पूर्व उत्पाद आयुक्तों ने विनय चौबे के दबाव की जानकारी सरकार को क्यों नहीं दी, बाबूलाल मरांडी ने ACB जांच पर उठाए सवाल
भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने झारखंड शराब घोटाले में एसीबी जांच पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा कि पूर्व उत्पाद आयुक्तों ने विनय चौबे के दबाव की जानकार ...और पढ़ें

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने शराब घोटाले की चल रही एसीबी जांच को लीपापोती बताते हुए इसकी सीबीआइ जांच की मांग की है।
राज्य ब्यूरो, रांची । भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने आज शराब घोटाले की चल रही एसीबी जांच को लीपापोती बताते हुए इसकी सीबीआइ जांच की मांग की है। गुरुवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता कर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि शराब घोटाले में एसीबी जांच चल रही है और इस मामले में तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय चौबे जेल में बंद हैं।
एसीबी जांच में उत्पाद आयुक्तों अमित कुमार, कर्ण सत्यार्थी, फैज अहमद से हो रही पूछताछ में लगभग एक जैसे बयान मीडिया में छप रहे हैं। अमित कुमार ने कहा कि जो विनय चौबे ने चाहा वही हुआ, कर्ण सत्यार्थी ने कहा है कि विनय चौबे ने मामले में केस दर्ज करने से मना किया था।
ऐसे बयान कोई सामान्य नहीं बल्कि बड़े और गंभीर भ्रष्टाचार की ओर इशारा करने वाला है। जिनके बयान की चर्चा हुई वे सभी आइएएस अधिकारी हैं। जिन पूर्व आयुक्तों से पूछताछ हुई है वे सभी जिलों में उपायुक्त जैसे महत्वपूर्ण पद पर पदस्थापित हैं। इनको यदि सचिव दबाव डालकर नियम विरुद्ध काम करा रहे थे तो में नोटिंग करते और मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री से मिलकर शिकायत करते।
बताते हैं कि शराब के ठेके में चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए कहा जा रहा है। इन लोगों के बयान से यही झलक रहा कि ये रटे रटाए तोते की तरह बोल रहे हैं। इन लोगों को अदालत में भी ऐसा ही बोलने का निर्देश है।
एक तरफ ऐसे पदाधिकारी दबाव में नियम विरुद्ध काम करते हैं, दूसरी ओर इन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेवारी भी सौंपी गई है। ऐसे लोगों को तो हटाया जाना चाहिए। मरांडी ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री को संभावित शराब घोटाले को लेकर वर्ष 2022 में ही पत्र लिखकर आगाह किया था। अब एसीबी वाले जांच की नौटंकी कर रहे। एसीबी डीजीपी पर खुद भ्रष्टाचार के आरोप हैं।

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