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    Jharkhand Liquor Price: झारखंड में फिर MRP से ज्यादा कीमत पर बिक रही शराब, दुकानदारों ने बताई अपनी-अपनी वजह

    Updated: Tue, 13 Aug 2024 09:40 PM (IST)

    झारखंड में शराब की बिक्री को लेकर एक बार फिर से कीमत बढ़ चुकी है। राज्य के सभी जिलों में अधिकतर शराब दुकानदार एमआरपी से ज्यादा कीमत पर शराब की बिक्री कर रहे हैं। शराब की इस बिक्री में अनियमितता को लेकर आबकारी विभाग ने कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दे दिए हैं। एमआरपी से ज्यादा कीमत पर शराब बिकने का जानकारी सभी जिलों से मिल रही है।

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    झारखंड में एमआरपी से ज्यादा कीमत पर बिक रही शराब (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य में शराब की बिक्री में अनियमितता फिर आरंभ हो गई है। एमआरपी से अधिक कीमत पर शराब की बिक्री हो रही है। यह शिकायत सिर्फ रांची ही नहीं, बल्कि सभी जिलों में है।

    आए दिन दुकानदारों से ग्राहकों की नोकझोंक होती रहती है। दुकानदारों में कार्रवाई का कोई भय नहीं। वे अब खुलकर बोलने लगे हैं कि उन्हें छह से आठ महीने तक से वेतन नहीं मिल रहा है।

    अधिक कीमत पर भी लोग खरीद रहे शराब

    दुकान का किराया, एसी, फ्रीज के चलते बिजली का बिल आदि का भुगतान भी करना है। एमआरपी से अधिक वसूली नहीं करने पर परेशानी होगी। शराब के शौकीन ज्यादा देर तक बहस करने के बजाय अधिक कीमत देकर शराब खरीद रहे हैं।

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    उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व सचिव मुकेश कुमार ने एमआरपी से अधिक वसूली करने वालों के विरुद्ध सख्ती की और चेतावनी दी थी कि शिकायत मिलने पर प्लेसमेंट एजेंसी पर कार्रवाई करेंगे। उनके स्थानांतरण के बाद उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग में मनोज कुमार नए सचिव बनाए गए हैं।

    कितने रुपये बढ़े शराब पर

    राज्य में लगभग सभी शराब दुकानों में बीयर पर एमआरपी से दस रुपये, क्वार्टर पर दस, हाफ पर बीस व फुल पर 40 रुपये तक की अवैध वसूली हो रही है। यह खुलेआम हो रहा है। इससे हर दिन राज्य में करीब 50 लाख रुपये तक की अवैध वसूली जारी है। विभाग के अधिकारी मौन हैं। शराब दुकानदारों को कार्रवाई का कोई भय भी नहीं है।

    कर्मियों का वेतन नहीं मिलना समझ से परे- आयुक्त

    उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के आयुक्त सह झारखंड राज्य बेवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) प्रबंध निदेशक अमीत प्रकाश ने बताया कि सभी प्लेसमेंट एजेंसी पहले कर्मियों का भुगतान करती है और उसके बाद विभाग में बिल जमा कर विभाग से भुगतान लेती है। विभाग के पास किसी भी प्लेसमेंट एजेंसी का कोई बकाया नहीं है।

    इसके बावजूद शराब दुकानों में कार्यरत कर्मियों को छह महीने से वेतन भुगतान क्यों नहीं हुआ, यह जांच का विषय है। अब तक किसी भी दुकानदार की तरफ से कोई शिकायत विभाग में नहीं आई है। शिकायत मिलने पर उसकी जांच कराई जाएगी और संबंधित प्लेसमेंट एजेंसी के संचालक पर कार्रवाई की जाएगी।

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