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    हेमंत सोरेन के खास पंकज मिश्रा के ठिकानों से मिले 5.32 करोड़ नकद, ईडी उगलवा रही 'सरकार' के राज...

    Jharkhand News झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के 20 ठिकानों से दो करोड़ नकदी व करोड़ों के लेन-देन संबंधित दस्तावेज बरामद किए गए हैं। ईडी ने उत्तराखंड से पंकज मिश्रा को हिरासत में लिया है। मनी लांड्रिंग मामले में ये छापेमारी हुई है।

    By Alok ShahiEdited By: Updated: Sat, 09 Jul 2022 02:28 PM (IST)
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    Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा।

    रांची/साहिबगंज, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News साहिबगंज के बड़हरवा में टेंडर विवाद के बाद मनी लांड्रिंग के तहत पूरे मामले का अनुसंधान कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बरहेट विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, उनके सहयोगी व पत्थर व्यवसायियों के 20 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। ये ठिकाने संताल के जिलों से ही संबंधित हैं। प्रारंभिक सूचना के मुताबिक इस छापेमारी में ईडी को साहिबगंज स्थित पंकज मिश्रा के सहयोगी व्यवसायी के ठिकाने से दो करोड़ रुपये से अधिक नकदी मिले हैं। हालांकि, शनिवार को ईडी की ओर से जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सीएम हेमंत सोरेन के राजनीतिक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ मनी लांन्ड्रिंग जांच के तहत झारखंड में लगभग 18 स्थानों पर छापेमारी करने के बाद 5.32 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए हैं।

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    गोड्डा से भाजपा के सांसद डा. निशिकांत दुबे ने ट्वीट कर पंकज मिश्रा व उनके सहयोगियों के ठिकाने से पांच करोड़ से अधिक रुपयों की बरामदगी का दावा किया है। इसके अलावा इस पूरी छापेमारी में ईडी को करोड़ों के लेन-देन व जमीन से संबंधित दस्तावेज भी मिले हैं, जिसकी छानबीन की जा रही है। विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को ईडी ने उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग से हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है। शुक्रवार को देर शाम तक ईडी की छापेमारी जारी रही। बताया जा रहा है कि पंकज मिश्रा तीन-चार दिन पहले ही साहिबगंज से बाहर निकले थे। दाहू यादव, कन्हैया खुडानिया व सोनू सिंह भी साहिबगंज में नहीं थे। सोनू सिंह बनारस में थे, जिन्हें ईडी के छापे की सूचना मिली तो वे साहिबगंज के लिए रवाना हुए।

    पंकज मिश्रा से संबंधित हैं सभी 20 ठिकाने

    ईडी ने जिन 20 ठिकानों पर छापेमारी की, ये ठिकाने विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा का आवास, कार्यालय, पत्थर कारोबारी बेदू खुडानिया, गंगा नदी पर जहाज संचालक दाहू यादव के शोभनपुर भट्ठा व बंगाली टोला के व्हाइट हाउस, छोटू यादव के जयप्रकाश नगर, कन्हैया खुडानिया के चौक बाजार व भरतिया कालोनी, साहिबगंज के जेवर कारोबारी संजय दीवान के चौक बाजार, टिंकल भगत, पतरू सिंह राजीव कुमार व राजू भगत के मिर्जा चौकी, भगवान भगत, भावेश भगत, कृष्णा साह, सुब्रतो पाल के बरहड़वा, सोनू सिंह के राजमहल व निमाय सील के बरहेट स्थित आवास शामिल हैं। दाहू यादव साहिबगंज-मनिहारी के बीच गंगा नदी पर जहाज का संचालन करते हैं। संजय दीवान की आभूषण की दुकान चलाते हैं।

    ईडी ने सुबह पांच बजे दी पंकज मिश्रा के ठिकानों पर दबिश

    ईडी की टीम एक दिन पहले ही अलग-अलग टुकड़ी में संताल के क्षेत्र में पहुंच गई थी। सीआरपीएफ के महिला व पुरुष जवानों को यह सूचना नहीं दी गई थी छापेमारी करनी है। उन्हें बंगाल, बिहार व दूसरे राज्यों के आए ईडी के अधिकारियों ने अपनी गाड़ियों में बिठाया और सुबह पांच बजे एक साथ सभी ठिकानों पर दबिश दी। इसके बाद शुरू हुई छानबीन।

    अवैध खनन के काले कारोबार तक पहुंची ईडी की टीम

    ईडी ने खूंटी के बहुचर्चित मनरेगा घोटाले में तत्कालीन उपायुक्त पूजा सिंघल के संपूर्ण कार्यकाल की जांच शुरू की तो उनके खान एवं भूतत्व विभाग के सचिव रहते भारी मात्रा में अवैध खनन व काली कमाई के बारे में जानकारी मिली। ईडी को यह भी पता चला कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा का संताल के क्षेत्र में दबदबा है, जिसके माध्यम से उक्त क्षेत्र में अवैध पत्थर उत्खनन, अवैध परिवहन आदि चल रहा है और उसकी काली कमाई का हिस्सा सीनियर अफसरों तक पहुंच रहा है।

    वर्ष 2020 में बरहड़वा में टेंडर विवाद में मारपीट में पंकज मिश्रा पर प्राथमिकी दर्ज हुई थी, जिसमें साहिबगंज पुलिस ने पंकज मिश्रा को क्लीन चिट दे दिया था। इसी बीच गंगा नदी में मालवाहक जहाज दुर्घटना हो गई, जिसमें अवैध पत्थर ढुलाई की बातें आने लगी। ईडी अवैध उत्खनन पर नजर रख ही रही थी, इसी बीच ईडी को बड़हरवा टेंडर विवाद से संबंधित केस दर्ज करने का आधार मिल गया और उक्त केस को टेकओवर करते हुए ईडी ने मनी लांड्रिंग के तहत अनुसंधान शुरू कर दिया।

    पिछले दो महीने में ईडी ने पूरे संताल क्षेत्र के सभी डीएमओ से भी लंबी पूछताछ की और संताल में रहकर ईडी ने वहां के एक-एक मामले की गहन छानबीन कर पहले सबूत एकत्रित की। जब ईडी के हाथ मजबूत हो गए, तब ईडी ने शुक्रवार को एक साथ 20 ठिकानों पर छापा मार दिया।