Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jharkhand जमीन मामलों की जांच के लिए सीआइडी ने बनाई एसआइटी, लेकिन भयादोहन की शिकायत पर टीम भंग

    By Dilip Kumar Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Tue, 16 Dec 2025 10:35 PM (IST)

    झारखंड में जमीन मामलों की जांच के लिए सीआईडी ने एसआईटी का गठन किया था। हालांकि, भयादोहन की शिकायत मिलने पर टीम को भंग कर दिया गया। रांची में जमीन से ज ...और पढ़ें

    Hero Image

    पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता ने सीआइडी में जमीन संबंधित मामलों की जांच के लिए एसआइटी गठित की थी।

    राज्य ब्यूरो, रांची। अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) में जमीन संबंधित विवादों के निष्पादन के लिए गठित स्पेशल इंवेस्टिगेटिंग टीम (एसआइटी) को आइजी मनोज कौशिक ने पदभार ग्रहण करने के साथ ही भंग कर दिया था।

    एसआइटी का बोर्ड अभी हटा नहीं है, लेकिन यहां आए सभी मामलों में जांच लगभग पूरी तरह बंद हो चुकी है। छानबीन में पता चला कि जमीन मामलों के निष्पादन के लिए गठित एसआइटी की जांच अलग ट्रैक पर चली गई थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राज्य सरकार को शिकायत मिली थी कि वह एसआइटी जांच के नाम पर भयादोहन कर रही है। शिकायत थी कि पूर्व के कुछ अधिकारियों के करीबी किसी न किसी जमीन पर फर्जी शिकायत करवाते थे और उसके निष्पादन के नाम पर भयादोहन करते थे।

    इसके बाद ही सरकार के निर्देश पर कड़ी कार्रवाई हुई और कई अधिकारियों का वहां से तबादला कराया गया। फिलहाल, इस बिंदु पर अधिकारी स्पष्ट रूप से कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। उनका यही कहना है कि शिकायतें मिल रहीं थी, जिसके बाद ही एसआइटी भंग हुई है।

    सीआइडी ने जमीन संबंधित सिविल मामलों में भी हस्तक्षेप शुरू कर दिया था। जबकि, पुलिस को जमीन के मामले में विधि व्यवस्था बाधित होने की आशंका होने, आपराधिक मामलों में ही प्राथमिकी दर्ज करने का अधिकार व आदेश प्राप्त है।

    पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बनाई थी एसआइटी

    पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता सीआइडी के डीजी के भी प्रभार में थे। उनके निर्देश पर ही सीआइडी में एसआइटी का गठन हुआ था। इसके लिए सीआइडी में एक अलग विंग ही बना दिया गया था, जहां जमीन संबंधित विवादों को आमंत्रित किया जा रहा था, जिसकी जांच की जा सके।

    बाद में सरकार तक यह शिकायतें पहुंचने लगी कि पुलिस के कुछ अधिकारी ही अपने सहयोगियों की मदद से जमीन में फर्जी आवेदन मंगवाकर उसकी जांच के नाम पर वसूली कर रहे हैं। इन शिकायतों के बाद एसआइटी ही जांच के घेरे में आ गई, जिसे बाद में बंद करना पड़ा।

    जमीन संबंधित इन मामलों की भी शुरू की गई थी जांच

    केस एक : रांची के कडरू स्थित एजी को-आपरेटिव सोसाइटी की जमीन मामले में भी सीआइडी की एसआइटी ने जांच शुरू की थी। सीआइडी ने इसमें सोसाइटी के अध्यक्ष कपिलदेव गिरी, उनके बेटे आशुतोष गिरी, पत्नी कलावती बिहारी गिरी व अन्य को आरोपित बनाया था।

    उन पर भूमि को अवैध तरीके से अधिग्रहित कर उसकी बिक्री का आरोप लगा था। उसके जांच पदाधिकारी एएसपी दीपक कुमार बनाए गए थे।

    केस दो : हजारीबाग में 417 एकड़ वन भूमि की प्रकृति बदलकर जमीन घोटाला मामले में सीआइडी की एसआइटी ने प्रारंभिक जांच कर तत्कालीन डीजीपी से प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति मांगी थी।

    आरोप लगाया गया था कि बड़े पैमाने पर जमीन के दस्तावेज में छेड़छाड़ कर सीसीएल ने जमीन की प्रकृति बदलकर उक्त घोटाला किया था।

    अनुशंसा कर रांची के चुटिया थाने में अंचलाधिकारियों पर करवा दिया केस

    सीआइडी की एसआइटी ने ही चुटिया की एक जमीन मामले में जांच कर रांची के तीन अंचलाधिकारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करवा दी थी। मामला जब तूल पकड़ा तो चुटिया के तत्कालीन थानेदार पर कार्रवाई हुई थी।

    एसआइटी की अनुशंसा पर आनन-फानन में दर्ज हुई इस प्राथमिकी में अब चुटिया थाने की पुलिस ने कोर्ट में लिखकर दे दिया है कि पूरा मामला सिविल है, इसलिए इसमें आपराधिक मामला नहीं चल सकता है।