पौष्टिक तत्वों से भरपूर मंडुआ के फिरने लगे हैं दिन, डायबिटीज के लिए है रामबाण Koderma News
Jharkhand Koderma News मंडुआ के फसल में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। यह फाइबर युक्त तो होता ही है साथ ही शुगर फ्री भी है।
जयनगर (कोडरमा), जासं। काला व मोटा अनाज के नाम पर उपेक्षित मंडुआ के दिन फिरने लगे हैं। अपने औषधीय गुणों के कारण यह अनाज अब घर-घर तक पहुंच गया है। मांग और दाम के अनुसार ही इसकी खेती भी किसान करने लगे हैं। आयुर्वेद के अनुसार कई तरह के पौष्टिक तत्वों से भरा यह मंडुआ कई बीमारियों के लिए खासकर डायबिटीज के लिए रामबाण माना जाता है।
मंडुआ के फसल में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। यह फाइबर युक्त तो होता ही है, साथ ही शुगर फ्री भी है। इसमें आयरन भी काफी मात्रा में उपलब्ध है। अगर 15 से 20 दिन तक लगातार इसका सेवन किया जाए तो रक्त की कमी तुरंत दूर हो जाती है। इससे पेट में गैस, कब्ज की समस्या कम करने, पाचन शक्ति सुचारू करने में काफी फायदा होता है।
किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा
मांग बढ़ने से किसानों के लिए मंडुआ की खेती काफी फायदेमंद साबित हो रहा है। जयनगर के किसान बाबूलाल यादव, संजय यादव, जागेश्वर यादव, सुधीर कुमार आदि ने बताया कि दो दशक पहले तक मंडुआ उपज काफी होती थी। लेकिन इसका उपयोग संपन्न लोग नहीं करते थे। इसे गरीबों का अनाज माना जाता था। मांग नहीं होने के कारण गरीब लोग ही इसका घट्टा व लप्सी बनाकर इस्तेमाल करते थे। पिछले कुछ वर्षों से अचानक इसकी मांग बढ़ गई, तो इसकी खेती पहले की तरह करने लगे।
मंडुआ की खेती में ना तो ज्यादा सिंचाई की जरूरत होती है और ना ही खाद की। बिना देखभाल के ही प्रचुर मात्रा में उत्पादन होता है। बाजार में इसके आटे की कीमत 50 से 60 रुपये प्रति किलो तक मिल जाती है। कुछ खास मौके व पर्व त्योहार जैसे पितृपक्ष, जिऊतिया आदि के समय यह 150 रुपये प्रति किलो तक बिकता है। जिला कृषि विभाग से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, जिले में मंडुआ के आच्छादन का लक्ष्य इस बार 500 हेक्टेयर में था, जबकि बुवाई 600 हेक्टेयर में हुई है जो लक्ष्य से ज्यादा है। पूर्व में लक्ष्य काफी कम और इसकी उपज अच्छी होती थी।
मंडुआ में होता है अमीनो एसिड
मंडुआ में अमीनो एसिड भी होता है जो रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को घटाता है। मंडुआ में पाया जाने वाला अमीनो एसिड शरीर से अतिरिक्त वसा को खत्म करने में मददगार होता है और शरीर में सल्फर की मात्रा को बढ़ाता है। मंडुआ के एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों की वजह से त्वचा पर झुर्रियां नहीं पड़ती है और बुढ़ापा जल्दी नहीं आता है। दूसरी ओर बच्चों में हड्डियों की मजबूती के लिए मंडुआ समुचित खाद्यान्न है।
इसमें कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। जयनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत चिकित्सा पदाधिकारी डॉ दिवाकर यादव के अनुसार मंडुआ में आयरन अधिक होता है। इसे नियमित खाने वालों में एनीमिया की शिकायत नहीं होती है जबकि डायबिटीज में निम्न गैलेसिमिक्स इंडेक्स के कारण मधुमेह रोगियों के लिए बेहतरीन भोजन माना जाता है। यह रक्तचाप तथा डायबिटीज के लिए रामबाण है।
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