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Jharkhand जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में फिर होगा बदलाव दूसरी बार बनी कमेटी पंद्रह दिनों के भीतर देगी रिपोर्ट

झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में एक बार फिर बदलाव होगा। राज्य सरकार ने झारखंड संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा नियमावली 2021 में संशोधन किया जाएगा। इस कवायद में राज्य सरकार ने दूसरी बार उच्च स्तरीय कमेटी गठित की है।

By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiPublished: Wed, 28 Dec 2022 08:30 PM (IST)Updated: Wed, 28 Dec 2022 08:30 PM (IST)
Jharkhand जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में फिर होगा बदलाव दूसरी बार बनी कमेटी पंद्रह दिनों के भीतर देगी रिपोर्ट
जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में होगा बदलाव, दूसरी बार बनी कमेटी।

रांची, राज्य ब्यूरो: झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली संयुक्त सिविल प्रतियोगिता परीक्षा में एक बार फिर बदलाव होगा। इसे लेकर राज्य सरकार ने झारखंड संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा नियमावली, 2021 में संशोधन किया जाएगा। इस कवायद में राज्य सरकार ने दूसरी बार उच्च स्तरीय कमेटी गठित की है।

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पंद्रह दिन में कर्गी अनुशंसा

वन एवं पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव एल खियांग्ते की अध्यक्षता में गठित इस तीन सदस्यीय कमेटी में वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह तथा कार्मिक सचिव वंदना दादेल सदस्य बनाए गए हैं। यह कमेटी झारखंड लोक सेवा आयोग से प्रस्ताव की समीक्षा कर उस पर निर्णय लेते हुए 15 दिनों में राज्य सरकार को अपनी अनुशंसा करेगी।

खंडेलवाल की अध्यक्षता में गठित कमिटी ने नहीं सौपी रिपोर्ट

जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा में अभ्यर्थियों के उत्तीर्ण होने के नियम के अलावा आरक्षण से जुड़े कुछ बिंदुओं में संशोधन हो सकता है। राज्य सरकार ने पूर्व में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई थी, जिसमें वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह तथा खाद्य आपूर्ति सचिव हिमानी पांडेय सदस्य के रूप में शामिल किए गए थे। बताया जाता है कि केके खंडेलवाल के रिटायर होने के बाद इस कमेटी ने सरकार को ही रिपोर्ट ही नहीं सौंपी।

झारखंड संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा नियमावली, 2021 में संशोधन के बाद ही अगली संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा की प्रक्रिया शुरू होगी। बता दें कि इस नियमावली में एक संशोधन पूर्व में भी हो चुका है। इसी नियमावली के आधार पर सातवीं से दसवीं सिविल सेवा परीक्षा संयुक्त रूप से हुई थी।

हो सकता है यह संशोधन

जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में कुल रिक्ति के विरुद्ध कितने गुना अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में शामिल होंगे, इस लेकर नियमावली में स्पष्ट प्रविधान किया जा सकता है। वर्तमान नियमावली के तहत कुल रिक्ति के 15 गुना अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा तथा ढाई गुना अभ्यर्थी साक्षात्कार के लिए क्रमश: प्रारंभिक परीक्षा तथा मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण होते हैं।

प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण होने के लिए न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य होता है। आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को इसमें कुछ छूट मिलती है। प्रारंभिक परीक्षा की ओएमआर शीट वेबसाइट पर जारी करने को लेकर भी कुछ प्रविधान किया जा सकता है। वर्तमान नियमावली में इतना ही कहा गया है कि आयोग प्रारंभिक परीक्षा की ओएमआर शीट वेबसाइट पर जारी करने का प्रयास करेगा।


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