Jharkhand News: जेल के भोजन में अनियमितता मिलने पर जेलर होंगे जिम्मेदार, डालसा को मिला निगरानी रखने का जिम्मा
झारखंड में जेल के भोजन में अनियमितता मिलने पर अब जेलर जिम्मेदार होंगे। जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) को भोजन की गुणवत्ता की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है। डालसा नियमित रूप से जेल का दौरा करेगी और कैदियों से भोजन के बारे में फीडबैक लेगी। भोजन की गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर जेलर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

हाई कोर्ट ने जेलों में कैदियों की समिति द्वारा कैंटीन संचालन की अनुमति प्रदान की है।
राज्य ब्यूरो, रांची। हाई कोर्ट के जस्टिस एसएन प्रसाद और जस्टिस एके राय की खंडपीठ में राज्य की जेलों में भोजन की गुणवत्ता और कैदियों की सुविधाओं को लेकर गुरुवार को कई निर्देश जारी किए। अदालत ने जेलों में कैदियों की समिति द्वारा कैंटीन संचालन की अनुमति प्रदान की है।
लेकिन स्पष्ट चेतावनी दी कि निरीक्षण में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर जिम्मेदारी जेलर की होगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसी स्थिति में जेलर पर विभागीय कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया जाएगा। अदालत ने आकाश कुमार राय के मामले मेें सुनवाई के दौरान उक्त निर्देश दिया है।
अदालत ने बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में भोजन की वास्तविक स्थिति जानने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) रांची के चेयरमैन और सचिव को किसी अवकाश के दिन आकस्मिक निरीक्षण करने का निर्देश दिया।
राज्य की सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों को भी जिला जेलों की इसी प्रकार नियमित जांच करने और दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया गया। झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) और डालसा की ओर से यह निरीक्षण लगातार किया जाना चाहिए।
मामले में अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी। सुनवाई के दौरान बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के जेल अधीक्षक सुदर्शन मुर्मू और जेलर लवकुश कुमार अदालत में उपस्थित हुए।
अदालत के समक्ष कैदियों की समिति द्वारा संचालित की जाने वाली कैंटीन से संबंधित चयन रजिस्टर भी प्रस्तुत किया गया। जेलर ने बताया कि अब कैदियों को भोजन पूरी तरह जेल मैनुअल के अनुसार उपलब्ध कराया जा रहा है।
गृह सचिव और कारा महानिरीक्षक की ओर से भी सभी जिलों से खाद्य गुणवत्ता पर रिपोर्ट लेकर शपथपत्र दायर किया गया। सरकारी अधिवक्ता पंकज कुमार ने कोर्ट को अवगत कराया कि भोजन की गुणवत्ता में सुधार किया गया है।
सुनवाई के दौरान जेलर ने बताया कि उन्होंने बीते 11 नवंबर को कार्यभार संभाला है। उनके पूर्व के जेलर देवनाथ राम निलंबित हैं और उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही पर विचार चल रहा है। हाई कोर्ट ने अगली तिथि पर विभागीय कार्यवाही की वर्तमान स्थिति और इससे जुड़ी जानकारी प्रस्तुत करने को कहा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।