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    Jharkhand: मोटापा और हाई कोलेस्ट्रॉल में झारखंड सबसे कम जोखिम वाला राज्य, अध्ययन में सामने आए तथ्य

    By Jagran NewsEdited By: Mohammad Sameer
    Updated: Sun, 18 Jun 2023 06:21 AM (IST)

    Health केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय तथा आईसीएमआर द्वारा मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन द्वारा किए गए अध्ययन के निष्कर्ष में ये बातें सामने आई हैं। इस निष्कर्ष के अनुसार हाई एलडीएल कोलेस्ट्रॉल में भी झारखंड सबसे कम जोखिम वाला राज्य है।

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    मोटापा और हाई कोलेस्ट्रॉल में झारखंड सबसे कम जोखिम वाला राज्य।

    नीरज अम्बष्ठ, रांची: बदलती जीवनशैली से मोटापा, उच्च रक्त कोलेस्ट्रॉल आदि बीमारियों का खतरा बढ़ने के बावजूद झारखंड के लिए राहत की खबर है। सामान्य मोटापा, पेट का मोटापा, उच्च रक्त कोलेस्ट्रॉल आदि में झारखंड पूरे देश में सबसे कम जोखिम वाला राज्य है।

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    अध्ययन से निकला निष्कर्ष

    झारखंड के सबसे कम लोग इसकी चपेट में हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय तथा आईसीएमआर द्वारा मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन द्वारा किए गए अध्ययन के निष्कर्ष में ये बातें सामने आई हैं। इस निष्कर्ष के अनुसार, हाई एलडीएल कोलेस्ट्रॉल में भी झारखंड सबसे कम जोखिम वाला राज्य है।

    अध्ययन में भारत में 28.6 प्रतिशत सामान्य मोटापा, 39.5 प्रतिशत पेट का मोटापा और 24 प्रतिशत हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया का प्रसार नोट किया गया है। वहीं, झारखंड में सामान्य मोटापा महज 11.6 प्रतिशत तथा पेट का मोटापा 18.4 प्रतिशत लोगों में ही है।

    इसी तरह, हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया महज 4.6 प्रतिशत लोगों में ही पाया गया। जीवन शैली से जुड़ी इन चारों बीमारियों में मोटापा से संबंधित दोनों बीमारियों का का प्रसार सबसे अधिक पुडुचेरी में है। वहीं, हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया का प्रसार सबसे अधिक केरल में है।

    हाई एलडीएल कोलेस्ट्रॉलकी समस्या सबसे कम 3.2 प्रतिशत झारखंड में है, जबकि यह भी सबसे अधिक केरल में है। अध्ययन में यह बात सामने आई कि भारत में 11.4 प्रतिशत मधुमेह, 15.3 प्रतिशत पूर्व-मधुमेह, 35.5 प्रतिशत उच्च रक्तचाप का प्रसार है। इन तीनों बीमारियों का उच्चतम प्रसार क्रमशः गोवा, सिक्किम तथा पंजाब में पाया गया।

    पेट के मोटापे का जोखिम अधिक

    'भारत की मेटाबोलिक गैर-संचारी रोग स्वास्थ्य रिपोर्ट: आईसीएमआर-आइएनडीआइएबी राष्ट्रीय क्रॉस-सेक्शनल स्टडी' शीर्षक वाले इस अध्ययन में पाया गया कि भारत में सामान्यीकृत मोटापा और पेट के मोटापे की व्यापकता 28.6 और 39.5 प्रतिशत थी। इस तरह, भारत में सामान्य मोटापे की अपेक्षा पेट के मोटापे की जोखिम अधिक है। यही स्थिति झारखंड में भी है।

    अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार 24 प्रतिशत भारतीय हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया से पीड़ित हैं। बता दें कि यह स्वास्थ्य की एक ऐसी स्थिति जिसमें वसा धमनियों में इकट्ठा होती है और व्यक्तियों को दिल के दौरे और स्ट्रोक के अधिक जोखिम में डालती है जबकि 15.3 प्रतिशत लोगों को प्री-डायबिटीज है।

    जीवनशैली से जुड़ी चार बीमारियों की स्थिति (आंकड़े प्रतिशत में)

    बीमारी                 राष्ट्रीय प्रसार    सबसे उच्च प्रसार    सबसे कम प्रसार

    सामान्य मोटापा          28.6           53.3 (पुडुचेरी)      11.6 (झारखंड)

    पेट का मोटापा           39.5          61.2 (पुडुचेरी)       18.4 (झारखंड)

    हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया  24.0          50.3 (केरल)          4.6 (झारखंड)

    हाई एलडीएल कोलेस्ट्रॉल 20.9       52.1 (केरल)        3.2 (झारखंड)