Jharkhand Police: एक ही छत के नीचे होंगे चार थाने, छह फ्लोर का होगा इंटीग्रेटेड पुलिस स्टेशन
रांची में झारखंड पुलिस एक इंटीग्रेटेड पुलिस स्टेशन का निर्माण कर रही है। इस छह मंजिला इमारत में चार पुलिस स्टेशन एक ही छत के नीचे होंगे। यह पहल पुलिस ...और पढ़ें

एक ही छत के नीचे होंगे चार थाने, छह फ्लोर का होगा इंटीग्रेटेड पुलिस स्टेशन
दिलीप कुमार, रांची। राज्य के प्रत्येक जिले में एक थाना ऐसा बनेगा, जो इंटीग्रेटेड पुलिस स्टेशन होगा। छह तल्ले के इस विशेष थाने में जिला स्तरीय चार पुलिस स्टेशन कार्यरत होंगे। राज्य सरकार के इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए सभी आधारभूत प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई है। प्रथम चरण में 12 जिलों में ऐसे 12 इंटीग्रेटेड पुलिस स्टेशन के लिए टेंडरिंग प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है। जल्द ही शिलान्यास होगा और निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
सूचना है कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना का शिलान्यास मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हाथों कराया जा सकता है। जिन 12 जिलों में ये इंटीग्रेटेड पुलिस स्टेशन बनेंगे, उनमें रांची, गुमला, जमशेदपुर, देवघर, दुमका, पलामू, धनबाद, गिरिडीह, चतरा, हजारीबाग, बोकारो व गढ़वा जिला शामिल हैं।
इंटीग्रेटेड पुलिस स्टेशन में संबंधित जिले के एसपी अपनी सुविधा के अनुसार थानों की शिफ्टिंग करेंगे। इन थाना भवनों में संबंधित जिले की महिला थाना, अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति थाना, साइबर अपराध थाना व एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट थाना संचालित होंगे। छह तल्ले के इस इंटीग्रेटेड पुलिस स्टेशन में ऊपर के दो तल्ले पुलिस पदाधिकारियों-कर्मियों के लिए आवासीय तल्ले होंगे।
थाना भवन में पीछे के हिस्से में फ्लैट होंगे, जो महिला पुलिस के लिए आरक्षित होंगे। उक्त थाना भवन का परिसर भी शानदार व सुसज्जित होगा। यहां चारों थानों के लिए आवश्यक संसाधन मौजूद रहेंगे।
थाना हाजत, काउंसिलिंग कक्ष से लेकर आगंतुक कक्ष तक की व्यवस्था होगी। सीसीटीवी कैमरे से परिसर की निगरानी की व्यवस्था होगी। सीढ़ी व लिफ्ट तक की बेहतर व्यवस्था होगी। सोलर सिस्टम तक लगाने की व्यवस्था होनी है।
पुलिस मुख्यालय की अनुशंसा पर राज्य सरका ने दी थी हरी झंडी
इंटीग्रेटेड पुलिस स्टेशन के लिए पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग से अनुशंसा की थी। गृह विभाग ने अनुशंसा पर विभागीय मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सहमति ली। इसके बाद ही इसके लिए प्रक्रिया शुरू हुई। यह योजना चालू वित्तीय वर्ष के लिए थी, जिसे अमली जामा पहनाने की लगभग सभी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

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