Jharkhand News: अमित अग्रवाल ने पत्थर ढुलाई के लिए बनाया था मास्टर प्लान; साहब के करीबियों ने कैसे किया गोलमाल
Jharkhand Illegal Mining Case अधिवक्ता राजीव कुमार को 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार करवाने वाला व्यवसायी अमित अग्रवाल के खिलाफ अनुसंधान में ईडी को यह जानकारी मिली है वह अवैध खनन में भी शामिल थे। मास्टर प्लान बनाया था। समझिए हेमंत सोरेन के करीबियों ने कैसे किया गोलमाल?
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Illegal Mining Case झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार करवाने वाले कोलकाता के व्यवसायी अमित अग्रवाल के विरुद्ध ईडी की जांच का घेरा कसता जा रहा है। ईडी के हाथों पूर्व में गिरफ्तार अमित अग्रवाल फिलहाल रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद हैं। उनके खिलाफ अनुसंधान में ईडी को यह जानकारी मिली है वह अवैध खनन में भी शामिल थे और उन्होंने गिरफ्तारी के पूर्व भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण से साहिबगंज और पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के मायापुर के बीच गंगा नदी पर मालवाहक जहाज चलाने की अनुमति भी ले ली थी। उन्होंने राजेश आटो मर्केंडाइज प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी बनाई थी और उसी कंपनी के माध्यम से मालवाहक जहाज चलाने की अनुमति ली थी। वह अवैध पत्थर खनन में ईडी के संदिग्धों की सूची में भी हैं।
पत्थर ढुलाई के लिए बनाया था मास्टर प्लान
अमित अग्रवाल ने भी अवैध खनन के पत्थर ढुलाई के लिए मास्टर प्लान बनाया था, लेकिन उसके पहले ही ईडी की दबिश बढ़ी और उसका माल ढुलाई का प्लान बहुत कारगर नहीं हो सका।
संताल क्षेत्र में 1000 करोड़ के अवैध खनन का मामला
ईडी की टीम संताल के क्षेत्र में 1000 करोड़ के अवैध खनन मामले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही है। इसी जांच के सिलसिले में ईडी को जानकारी मिली है कि अवैध खनन का पैसा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के माध्यम से नेताओं व नौकरशाहों के करीबी प्रेम प्रकाश तक पहुंचा। प्रेम प्रकाश ने उन रुपयों को अमित अग्रवाल तक पहुंचाया। ईडी के अनुसार, प्रेम प्रकाश व अमित अग्रवाल मुख्यमंत्री के करीबी हैं, इसलिए ईडी ने मुख्यमंत्री को भी समन कर पूछताछ के लिए बुलाई और पूछताछ की।
ईडी की पूरक चार्जशीट में अमित अग्रवाल भी आएंगे लपेटे में
ईडी की जांच से यह बात निकलकर सामने आ रही है कि बहुत जल्द ही अवैध खनन मामले में ईडी अपना पूरक चार्जशीट करेगी, जिसमें अमित अग्रवाल भी लपेटे में आएंगे। ईडी ने अपनी पहली चार्जशीट में यह स्पष्ट कर दिया था कि गंगा नदी पर मालवाहक जहाज के माध्यम से अवैध तरीके से खनन किए गए स्टोन चिप्स व बोल्डर आदि झारखंड से बिहार व बंगाल में भेजे जाते थे। इससे मिलने वाला अवैध धन अमित अग्रवाल की कई कंपनियों के माध्यम से निवेश किया गया था।