Jharkhand News: निलंबित आईएएस विनय कुमार चौबे पर एसीबी का शिकंजा, चौथी एफआईआर दर्ज
झारखंड में निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे की मुश्किलें बढ़ गई हैं। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने उनके खिलाफ चौथी प्राथमिकी दर्ज की है। यह मामला उनके कार्यकाल के दौरान हुई कथित अनियमितताओं से जुड़ा है। एसीबी इस मामले की गहन जांच कर रही है।

निलंबित आईएएस विनय कुमार चौबे। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, रांची। जमीन घोटाला मामले में जेल में बंद निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे के विरुद्ध भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने अब चौथी प्राथमिकी दर्ज कर ली है। एसीबी रांची थाने में 24 नवंबर को कांड संख्या 20/2025 को दर्ज यह प्राथमिकी आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में दर्ज की गई है। पीई जांच में पुष्टि के बाद एसीबी ने यह प्राथमिकी दर्ज की है।
इस प्राथमिकी में एसीबी ने निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे सहित कुल सात को नामजद आरोपित बनाया है। जिन्हें नामजद आरोपित बनाया गया है, उनमें विनय कुमार चौबे के अलावा उनकी पत्नी स्वप्ना संचिता, उनके ससुर सत्येंद्र नाथ त्रिवेदी, साला शिपिज त्रिवेदी, साला की पत्नी प्रियंका त्रिवेदी, सहयोगी विनय कुमार सिंह, विनय कुमार सिंह की पत्नी स्निग्धा सिंह शामिल हैं।
इससे पहले एसीबी ने निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे के विरुद्ध शराब घोटाले में एक, हजारीबाग के खासमहाल की जमीन घोटाले में दूसरी व हजारीबाग के ही वन भूमि घोटाले में तीसरी प्राथमिकी दर्ज की थी। अब आय से अधिक संपत्ति में दर्ज प्राथमिकी वाले मामले में भी सभी आरोपितों को एसीबी गिरफ्तार करेगी।
आय से अधिक संपत्ति मामले में मिली शिकायतों के बाद एसीबी ने मंत्रिमंडल निगरानी एवं सचिवालय विभाग से अनुमति के बाद प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थी। पीई जांच के दौरान प्राप्त दस्तावेजों, बैंक खातों के विवरण व अन्य वित्तीय गतिविधियों के विश्लेषण तथा संबंधित पक्षों के बयान के बाद पाया कि विनय कुमार चौबे ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है।
आरोपित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे ने अवैध साधनों से धन संग्रह तथा कमीशन प्राप्त कर परिवार के अन्य सदस्यों, मित्रों व सहयोगियों के माध्यम से धन को विचलित कर अकूत संपत्ति अर्जित की और निवेश किया। इसके बाद एसीबी ने आरोपित अधिकारी के आय-व्यय से संबंधित दस्तावेजों को आधार बनाकर उनके आय-व्यय की गणना की।
इनकी सेवाकाल में अर्जित आय से व्यय अधिक मिला। बैंक खातों के विश्लेषण से पता चला कि इन्होंने घरेलू खर्च नहीं के बराबर किया है, जबकि नियमत: घरेलू खर्चों में आय का एक तिहाई खर्च किया जाना है। इसके बाद ही एसीबी ने मंत्रिमंडल निगरानी एवं सचिवालय विभाग से अनुमति लेने के बाद इनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की है।
पीई जांच में मिला आय 2.20 करोड़, व्यय 3.47 करोड़
एसीबी ने पीई जांच के दौरान पाया कि निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे ने स्वयं अपने पारिवारिक सदस्यों व सहयोगियों-कर्मियों के साथ मिलकर काली कमाई से अवैध संपत्ति अर्जित की है। उन्होंने नौकरी व सभी ज्ञात स्रोतों से 2.20 करोड़ रुपये कमाए, जबकि उनके खाते व उनके रिश्तेदारों व सहयोगियों के खाते में 3.47 करोड़ रुपये आए। उन्होंने अपने आय से 1.27 करोड़ रुपये की अधिक संपत्ति बनाई, जो आय से 53 प्रतिशत अधिक है।
उन्होंने अपने काले धन को अपनी पत्नी, ससुर, साला, साला की पत्नी, सहयोगी व सहयोगी की पत्नी के खातों के माध्यम से हेराफेरी की है। सबके खातों में नकदी, आरटीजीएस, लोन भुगतान, जमीन, फ्लैट निबंधन, शेल कंपनियों में भुगतान की गई है।
अवैध कमाई छुपाने के लिए बनाई थी शेल कंपनियां, सहयोगी विनय सिंह थे मददगार
निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे ने अवैध कमाई छुपाने के लिए शेल कंपनियां बनाई थी। उनके काले धन को छुपाने के लिए उनके सहयोगी विनय सिंह महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। विनय कुमार चौबे ने विनय सिंह के खाते कई अवैध व संदिग्ध लेन-देन किए गए हैं, जिसके सबूत एसीबी को मिले हैं।
विनय कुमार चौबे की पत्नी को विनय सिंह की कंपनी में कर्मचारी बनाकर उन्हें वेतन व अन्य मद में भी भुगतान किया गया। यह अवैध कमाई को खपाने का बड़ा जरिया था। चौबे ने अपने साला शिपिज त्रिवेदी, साले की पत्नी प्रियंका त्रिवेदी, ससुर सत्येंद्र नाथ त्रिवेदी के खातों में भी काले धन का लेन-देन किया, ताकि उसे छुपाया जा सके।

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