Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jharkhand Home Guards के लिए अच्छी खबर, चंपई सरकार एक महीने में करने जा रही ये काम; कोर्ट के आदेश के बाद लिया गया निर्णय

    By Jagran News Edited By: Mukul Kumar
    Updated: Sun, 11 Feb 2024 11:49 AM (IST)

    Home Guard Benefits झारखंड हाई कोर्ट में होमगार्ड जवानों को समान काम के बदले समान वेतन देने के मामले में दाखिल अवमानना पर सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट के आदेश का पालन एक माह में करने का आश्वासन दिया है। इस दौरान होमगार्ड (Home Guard Salary) के डीजी अनिल पालटा कोर्ट में उपस्थित हुए थे और उन्होंने जल्द ही आदेश का पालन करने की बात कही थी।

    Hero Image
    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand High Court झारखंड हाई कोर्ट में होमगार्ड जवानों को समान काम के बदले समान वेतन देने के मामले में दाखिल अवमानना पर सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट के आदेश का पालन एक माह में करने का आश्वासन दिया है। इस दौरान होमगार्ड (Home Guard Salary) के डीजी अनिल पालटा कोर्ट में उपस्थित हुए थे और उन्होंने जल्द ही आदेश का पालन करने की बात कही थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसके बाद अदालत ने उन्हें छह सप्ताह का समय देते हुए सुनवाई चार अप्रैल को निर्धारित की। इस संबंध में अजय प्रसाद एवं अन्य अवमानना याचिका दायर की है।

    नहीं हुआ कोर्ट के आदेश का अनुपालन

    पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि एकल पीठ के आदेश के छह माह बीतने के बाद भी आदेश का अनुपालन नहीं हुआ, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी एकल पीठ के आदेश की पुष्टि की है तो आदेश का अनुपालन करने में सरकार को और कितना समय लगेगा।

    कोर्ट ने 25 अगस्त 2017 के एकल पीठ के आदेश का अनुपालन करने के लिए सरकार को आठ सप्ताह का समय दिया था। आदेश का अनुपालन नहीं होने पर होमगार्ड डीजी को सशरीर उपस्थित होने का आदेश दिया था। उनसे पूछा था कि आदेश का अनुपालन नहीं होने पर क्यों नहीं उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए।

    नियमित पुलिसकर्मियों की तरह लाभ देने की बात

    बता दें कि समान काम के बदले समान वेतन से संबंधित होमगार्ड जवानों के मामले में एकल पीठ के आदेश का पालन नहीं हुआ है। प्रार्थियों का कहना था कि होमगार्ड का पोस्ट सिविल पोस्ट है, क्योंकि वह पुलिसकर्मियों की तरह ड्यूटी करते हैं। नियमित पुलिसकर्मियों की तरह उन्हें भी सेवा में संबंधित लाभ दिया जाए।

    प्रार्थी 1984 से 1990 के बीच होमगार्ड के रूप में नियुक्त हुआ था। हाई कोर्ट की एकल पीठ ने 25 अगस्त 2017 को प्रार्थी एवं अन्य दूसरे होमगार्ड को लाभ देने के संबंध में राज्य सरकार को निर्णय लेने का निर्देश दिया था।

    यह भी पढ़ें-

    Hemant Soren: जमीन घोटाले में आया नया मोड़, राजस्व अधिकारी को प्लॉट पर ले गई ED टीम; 'बॉस' के बारे में उगल दिया सारा राज

    Hemant Soren के आवास पर मिली BMW कार किसकी? ED की लंबी पूछताछ Dheeraj Shahu ने बताया; कही यह बात

    comedy show banner