हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना पर वन सचिव तलब, पुलिस कस्टडी में पिटाई मामले में गुमला एसपी को पेश होने का आदेश
झारखंड हाईकोर्ट ने दो अलग-अलग मामलों में कड़ा रुख अपनाते हुए वन विभाग के सचिव और गुमला के एसपी को तलब किया है। वन सचिव को कोर्ट के आदेश का पालन न करने ...और पढ़ें

आदेश का पालन नहीं करने पर वन सचिव हाई कोर्ट में तलब।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने बुधवार को दो अलग-अलग मामलों में कड़ा रुख अपनाते हुए राज्य के दो महत्वपूर्ण अधिकारियों को अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया है।
एक ओर अदालत ने अपने आदेश का पालन नहीं करने पर वन विभाग के सचिव को तलब किया है, वहीं दूसरी ओर पुलिस हिरासत में पिटाई के गंभीर आरोपों वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए गुमला के पुलिस अधीक्षक (SP) को थाने के रिकॉर्ड और सीसीटीवी फुटेज के साथ पेश होने का आदेश दिया है। दोनों ही मामलों में अगली सुनवाई 4 दिसंबर को होगी।
अवमानना याचिका पर कड़ी नाराजगी
झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस संजय प्रसाद की अदालत ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने के एक मामले में कड़ी नाराजगी जताई है। यह मामला वन विभाग के सचिव से संबंधित है, जिन्हें अदालत ने कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया है। अदालत ने पूछा है कि अब तक कोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया है।
पूर्व में अदालत ने वन प्रमंडल पदाधिकारी आनंद कुमार को प्रोन्नति और इंक्रीमेंट के बकाया भुगतान का आदेश दिया था। आदेश का पालन नहीं होने पर उनकी ओर से अवमानना याचिका दाखिल की गई है।
सरकारी वकील ने मांगा दो सप्ताह का समय
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने यह दलील दी कि उनकी ओर से एकल पीठ के आदेश के खिलाफ अपील दाखिल की गई है। लेकिन अदालत ने सरकार की इस दलील को नहीं माना। अदालत ने कहा कि 30 सितंबर 2024 के आदेश का पालन अब तक क्यों नहीं किया गया है। सरकारी वकील द्वारा दो सप्ताह का समय मांगने पर अदालत ने कहा कि मामले में खंडपीठ से कोई रोक नहीं है, तो आदेश का पालन होना चाहिए था।
इसके बाद अदालत ने वन विभाग के सचिव को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया। प्रार्थी आनंद कुमार ने अपने खिलाफ विभागीय कार्रवाई और सजा के खिलाफ वर्ष 2009 में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर सितंबर 2024 में हाई कोर्ट ने निर्णय देते हुए उनकी सजा औरविभागीय कार्रवाई का आदेश निरस्त कर दिया था और उन्हें प्रोन्नति सहित इंक्रीमेंट के बकाया राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया था।
पुलिस कस्टडी में पिटाई पर CCTV फुटेज मांगी
झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में गुमला जिले के चैनपुर थाने में एक व्यक्ति को हिरासत लेकर पिटाई के गंभीर आरोपों वाली जनहित याचिका पर भी सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने गुमला एसपी को मामले का रिकॉर्ड और चैनपुर थाने में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग लेकर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।
इस संबंध में प्रार्थी नबीजा बीबी ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनके पति तवाबुल चौधरी को चैनपुर थाने में हिरासत में लेकर गंभीर रूप से पिटाई की।
हिरासत के दौरान बेरहमी से पीटा गया
कोर्ट ने इस मामले को गंभीर मानते हुए इसे जनहित याचिका के रूप में दर्ज किया है। अदालत ने मामले में गृह सचिव, डीजीपी, गुमला एसपी और चैनपुर थाना प्रभारी को नोटिस जारी किया है। याचिका में कहा गया है कि चैनपुर थाना प्रभारी ने उनके पति तवाबुल चौधरी को एक दिसंबर को बिना कोई प्राथमिकी दर्ज किए या गिरफ्तारी का कोई कारण बताए हिरासत में ले लिया।
हिरासत के दौरान उनके पति को बेरहमी से पीटा गया और उन्हें चोटों के इलाज के लिए अस्पताल जाना पड़ा। याचिका में चैनपुर पुलिस थाना प्रभारी की कार्रवाई की जांच, संबंधित अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की गई है।

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