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    अभ्यर्थियों ने किया टॉप... लेकिन फीस नहीं की जमा, JPSC ने नियुक्ति से किया वंचित; Jharkhand हाई कोर्ट ने लगाई फटकार

    Updated: Fri, 08 Mar 2024 09:46 PM (IST)

    असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में टॉप करने वाले अभ्यर्थी की फीस जमा नहीं होने पर उसे नियुक्ति से वंचित किए जाने को लेकर झारखंड हाई कोर्ट ने जेपीएससी को कड़ी फटकार लगाई। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार ने जेपीएससी को चार सप्ताह में प्रार्थी को नियुक्त करने का आदेश दिया है। बता दें कि इस संबंध में मनोज कच्छप ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।

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    जेपीएसई ने असिस्टेंट प्रॉफेसर के अभ्यर्थियों की नियुक्ति से किया वंचित (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में टॉप करने वाले अभ्यर्थी की फीस जमा नहीं होने पर उसे नियुक्ति से वंचित किए जाने पर जेपीएससी को कड़ी फटकार लगाई है।

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    अदालत ने चार सप्ताह में प्रार्थी को नियुक्त करने का आदेश जेपीएससी को दिया है। इस संबंध में मनोज कच्छप ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

    याचिका में ये बताया गया

    याचिका में कहा गया था कि जुलाई 2018 में जेपीएससी ने नागपुरी भाषा के लिए एसटी उम्मीदवारों के लिए बैकलाग वैकेंसी के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के चार पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था।

    इसके बाद दस्तावेजों की स्क्रूटनिंग में प्रार्थी को 85 में से 72.10 अंक मिला था। साक्षात्कार सूची में प्रार्थी का नाम नहीं था। लेकिन हाई कोर्ट के दखल के बाद प्रार्थी को इंटरव्यू में शामिल किया गया। जेपीएससी ने 23 दिसंबर 2021 को परिणाम जारी किया था।

    साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाया गया

    अदालत ने प्रार्थी से संबंधित दस्तावेज मंगाया था, जेपीएससी में सीलबंद रूप में प्रार्थी का अंक कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया था। जिसमें प्रार्थी ने टॉप किया था। जेपीएससी की ओर से बताया गया था कि जिस समय प्रार्थी ने अपना परीक्षा फीस जमा किया था।

    उस समय स्टेटस फेल हो चुका था और फीस जेपीएससी के अकाउंट में नहीं जमा हुई। नियमानुसार सभी शर्तों को पूरा नहीं करने पर उन्हें साक्षात्कार में नहीं बुलाया गया।

    अदालत ने दिया प्रार्थी को नियुक्त करने का आदेश

    इस पर प्रार्थी ने कहा कि जेपीएससी के रिजेक्ट लिस्ट में भी उनका नाम नहीं था। ऐसे में प्रार्थी को पता नहीं चल पाया कि उसकी फीस जेपीएससी के पास जमा नहीं हो पाई है। जानकारी होने पर प्रार्थी ने फीस भी जमा कर दी थी। इसके बाद अदालत ने प्रार्थी को नियुक्त करने का आदेश दिया है।

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