महिला सुपरवाइजरों की नियुक्ति मामले में आया नया अपडेट, झारखंड हाई कोर्ट में चल रहा मामला
झारखंड हाई कोर्ट में महिला सुपरवाइजरों की नियुक्ति पर लगी रोक बरकरार है। कोर्ट इस मामले में सुनवाई कर रहा है। याचिकाकर्ताओं ने नियुक्ति प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाया है, जिस पर कोर्ट विचार कर रहा है और जल्द ही फैसला सुनाएगा।

महिला सुपरवाइजरों की नियुक्ति पर रोक बरकरार है ।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत में महिला सुपरवाइजरों की नियुक्ति को लेकर दाखिल याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान बहस पूरी नहीं हो सकी।
अदालत ने मामले में अगली सुनवाई छह नवंबर को निर्धारित करते हुए नियुक्ति पर लगाई रोक को अगले आदेश तक बरकरार रखा। सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि नियुक्ति में किसी वर्ग को शत-प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। यह समानता के अधिकार का उल्लंघन है।
नियुक्ति के लिए सिर्फ महिलाओं से आवेदन मांगा गया है। जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह ने अदालत को बताया कि यह नियुक्ति सिर्फ महिला कैडर के लिए ही निकाली गई है।
जेएसएससी ने बाल कल्याण विभाग में महिला सुपरवाइजर के 421 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था। प्रार्थी भी इस परीक्षा शामिल हुए। लेकिन आयोग की ओर से प्रार्थियों का चयन यह कहते हुए नहीं किया कि इनकी शैक्षणिक योग्यता विज्ञापन की शर्तों के अनुरूप नहीं है।
प्रार्थियों के पास विज्ञापन में निर्धारित मुख्य विषय की बजाय सहायक विषयों की डिग्री है। जबकि नियुक्ति नियमावली में ऐसा नहीं है।
सुनवाई के दौरान यह मुद्दा भी उठाया गया कि नियुक्ति में किसी वर्ग को शत- प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। इसमें सिर्फ महिलाओं से आवेदन मांगा गया है। इसको लेकर आकांक्षा कुमारी सहित अन्य अभ्यर्थियों की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

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