Jharkhand High Court ने डीजीपी को लगाई फटकार, कहा—राज्य में कानून व्यवस्था चरमराई
Jharkhand High Court ने सरायकेला-खरसावां जिले में पुलिस हिरासत में पिटाई के एक मामले की सुनवाई करते हुए राज्य के डीजीपी को फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि ...और पढ़ें

पुलिस हिरासत में मौत मामले में हाई कोर्ट ने झारखंड के डीजीपी को फटकार लगाई।
राज्य ब्यूरो, रांची : Jharkhand High Court में शुक्रवार को सरायकेला-खरसावां जिले के इचागढ़ थाना क्षेत्र में पुलिस हिरासत में पिटाई के मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को कड़े शब्दों में फटकार लगाते हुए कहा कि झारखंड में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है।
अदालत ने स्पष्ट किया कि हिरासत में पिटाई जैसे मामलों में पुलिस की जवाबदेही तय करनी जरूरी है, क्योंकि ऐसे प्रकरण लोगों के मौलिक अधिकारों का सीधे तौर पर हनन करते हैं।
अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा कि पीड़ित को मुआवजा देने से संबंधित आदेश पारित किया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि हिरासत में किसी व्यक्ति के साथ की गई क्रूरता न केवल असंवैधानिक है, बल्कि यह पुलिस प्रशासन की संवेदनहीनता को भी उजागर करती है।
न्यायालय ने पुलिस अधिकारियों से जवाब मांगा कि आखिर इस तरह की घटनाएं लगातार क्यों हो रही हैं, जबकि अदालत पहले भी कड़े निर्देश जारी कर चुकी है।
इचागढ़ थाना मामला : हिरासत में युवक की पिटाई से अदालत सख्त
मामला इचागढ़ थाना से जुड़ा है, जहां एक व्यक्ति को पुलिस ने हिरासत में लेकर कथित रूप से बेरहमी से पीटा था। घटना का वीडियो और शिकायत सामने आने के बाद मामला हाई कोर्ट पहुंचा। अदालत ने कहा कि हिरासत में पिटाई किसी भी सभ्य समाज में बर्दाश्त नहीं की जा सकती और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। Jharkhand News Today
पहले भी उठ चुके हैं सवाल, चैनपुर थाना मामला लंबित
सुनवाई के दौरान अदालत ने याद दिलाया कि इसी तरह का एक मामला गुमला जिले के चैनपुर थाना में भी आया था, जहां एक व्यक्ति को हिरासत में लेकर पीटा गया था। उस मामले की सुनवाई भी हाई कोर्ट में जारी है और उस पर फैसला लंबित है। न्यायालय ने कहा कि बार-बार पुलिस हिरासत में पिटाई की घटनाएं सामने आना गंभीर चिंता का विषय है और इससे पुलिस तंत्र की जवाबदेही पर प्रश्नचिह्न लगता है।
डीजीपी, एसपी और डीएसपी रहे कोर्ट में उपस्थित
इस मामले की अहमियत को देखते हुए सुनवाई के दौरान डीजीपी सहित सरायकेला के एसपी और डीएसपी अदालत में उपस्थित रहे। न्यायालय ने उनसे घटना से संबंधित विस्तृत जानकारी मांगी और पूछा कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गई है।
अदालत के तेवरों से स्पष्ट है कि झारखंड में हिरासत में पिटाई के मामलों पर अब सख्त रुख अपनाया जाएगा और पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित करने के लिए कठोर आदेश पारित किए जा सकते हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।