Maiya Samman Yojana: मंईयां सम्मान योजना पर ताजा अपडेट, हाई कोर्ट ने हेमंत सरकार से मांगी अहम जानकारी
हाई कोर्ट ने सरकार से मंईयां सम्मान योजना से जुड़ी अहम जानकारी मांगी है। कोर्ट ने योजना के तहत लाभार्थियों को भेजी गई राशि और लाभार्थियों की संख्या का विवरण मांगा है। इस योजना के तहत 18 से 50 वर्ष की महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये दिए जाते हैं। जस्टिस आनंद सेन ने सेवानिवृत्ति लाभ देने के लिए पैसे नहीं होने की बात पर उक्त जानकारी मांगी है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की पीठ ने एक मामले में सोमवार को सुनवाई करते हुए मंईयां सम्मान योजना (Maiya Samman Yojana) के लिए अबतक खर्च की गई राशि की जानकारी मांगी है। पारित आदेश में अदालत ने सरकार से पूछा है कि मंईयां सम्मान जैसी योजना में सरकार कितने लोगों को डीबीटी के माध्यम से पैसा दे रही है और इसपर कितनी राशि खर्च की गई है।
मामले में अगली सुनवाई छह फरवरी को निर्धारित की गई है। कोर्ट ने शिक्षा विभाग में बकाया भुगतान के लिए पैसे नहीं होने संबंधित जानकारी पर उक्त आदेश पारित किया है।
क्या है पूरा मामला?
इस संबंध में रतन देवी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उनके पति राजशेखर तिवारी चतरा जिला में लाइब्रेरियन थे। वर्ष 1999 से 2022 तक उन्हें भुगतान नहीं मिला, जो राशि 18.68 लाख के करीब है। चतरा के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने उक्त राशि के बकाया होने की भी बात स्वीकार की है। उनकी ओर से दाखिल शपथपत्र में कहा गया कि सरकार से इस राशि का आवंटन नहीं हुआ है। आवंटन होने पर प्रार्थी को बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाएगा।
सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि प्रार्थी के पति का निधन हो चुका है। अभी तक बकाया भुगतान नहीं किया गया है, जिसके कारण उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
कोर्ट को बताया गया कि एक ओर प्रार्थी को भुगतान करने के लिए सरकार के पास राशि नहीं है, वहीं दूसरी ओर चुनावी वादा पूरा करने के लिए लोगों को मुफ्त में राशि दी जा रही है। जबकि शिक्षा विभाग राशि आवंटन का इंतजार कर रही है। इसके बाद अदालत ने सरकार से मंइयां सम्मान एवं अन्य राशि बांटने वाली सभी योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है।
हेमंत सोरेन की मंईयां सम्मान योजना देश के लिए साबित होगा नजीर- स्पीकर
एक तरफ हाई कोर्ट ने मंईयां सम्मान योजना पर विस्तार से जानकारी मांगी है। वहीं, दूसरी तरफ झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो ने राज्य सरकार की मंईयां सम्मान योजना को देश के अन्य राज्यों के लिए नजीर बताया है।
गणतंत्र दिवस के मौके पर विधानसभा परिसर में आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि यह योजना संविधान निर्माता बाबा साहब के सामाजिक एवं आर्थिक विचारों का द्योतक है।
स्पीकर बोले, झारखंड के युवा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आर्थिक असमानता को कुछ हद तक पाटने एवं महिलाओं के आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण के साथ-साथ सबल बनाने के लिए मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत प्रति माह 2500 रुपये की राशि 18 से 50 वर्ष की दीदियों को प्रदान किया।
'75 साल पहले जब...'
उन्होंने कहा कि विकास की यह कहानी तब तक अधूरी है, जब तक हम हर आंख से आंसू पोछने का वादा पूरा नहीं करते। 75 साल पहले जब हमारे राष्ट्र निर्माताओं ने देश के प्रत्येक नागरिक की ओर से शपथ लेते हुए इस देश को संप्रभु लोकतांत्रिक गणतंत्र बनाने का निश्चय लिया था, तब हमने न केवल सदियों की गुलामी की जंजीरों को उखाड़ फेंका था, बल्कि भारत को एक ऐसे राष्ट्र के रूप में स्थापित करने का निश्चय लिया था जो आधुनिक लोकतांत्रिक परंपराओं के अनुरूप हो।
स्पीकर ने यह भी कहा कि आजादी के साथ ही हमने विभाजन के दंश को भी झेला था। इस विषम परिस्थितियों में हमारे राष्ट्र निर्माताओं ने पूरी दुनिया के उच्चतम लोकतांत्रिक मानदंडों और भारतीय लोकतांत्रिक समझ के आधार पर हमें एक ऐसा संविधान प्रदान किया, जिसने इस महान राष्ट्र को एक धागे में पिरोकर रखा है।
बड़ी कुर्बानियों के बाद हम इस महान राष्ट्र का निर्माण कर पाए हैं। सैकड़ों वीरों और वीरांगनाओं ने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें यह देश सौंपा है।
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