'पति की गर्लफ्रेंड पर प्रताड़ना का केस नहीं कर सकती पत्नी', झारखंड हाई कोर्ट की अहम टिप्पणी
झारखंड हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा है कि पत्नी अपने पति की कथित प्रेमिका पर प्रताड़ना का मामला दर्ज नहीं करा सकती है। प्रताड़ना का मामला सिर्फ पति और उनके रिश्तेदारों पर ही दर्ज कराया जा सकता है। इस मामले में आरोपित युवती ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उसके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद कर दिया।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने एक मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि पत्नी अपने पति की कथित प्रेमिका पर प्रताड़ना का मामला दर्ज नहीं करा सकती है। प्रताड़ना का मामला सिर्फ पति और उनके रिश्तेदारों पर ही दर्ज कराया जा सकता है, इसलिए कथित प्रेमिका पर दर्ज कराई गई प्राथमिकी को निरस्त किया जाता है।
इस मामले की सुनवाई जस्टिस एके चौधरी की पीठ में हुई। इस संबंध में आरोपित युवती की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
युवती के अधिवक्ता ने कोर्ट को क्या बताया?
युवती की ओर से अधिवक्ता सूरज किशोर प्रसाद ने पीठ को बताया कि धनबाद के एक मामले में प्रार्थी पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। आईपीसी की धारा 498 (प्रताड़ना) में यह स्पष्ट है कि इसके तहत पति या उसके रिश्तेदारों पर मामला दर्ज कराया जा सकता है, जबकि कथित प्रेमिका महिला की रिश्तेदार नहीं है।
प्रेमिका के खिलाफ दर्ज FIR रद
उन्होंने कहा, इसलिए इस मामले में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त किया जाए। पीठ ने प्रार्थी की दलील को स्वीकार करते हुए प्रार्थी को राहत प्रदान करते हुए उसके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद कर दिया।
धनबाद जिले का है मामला
यह मामला धनबाद जिले का है। जहां पर सब इंस्पेक्टर विकास यादव के खिलाफ उनकी पत्नी ने उत्पीड़न का केस दर्ज कराया था। इस मामले में उनकी पत्नी ने विकास यादव के भाई सहित कथित प्रेमिका को भी नामजद अभियुक्त बनाया था। प्राथमिकी को निरस्त करने के लिए आरोपित युवती ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
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