Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jharkhand: पूर्व मंत्री रणधीर सिंह व नवीन जायसवाल को हाई कोर्ट से झटका, सरकारी आवास खाली करने का आदेश

    Jharkhand Political Updates कोर्ट ने राज्य सरकार को मंत्री और विधायकों के लिए आवास आवंटन को लेकर नियम बनाने का आदेश दिया है। दोनों ने आवास खाली करने को चुनौती दी थी। रणधीर सिंह पूर्व की सरकार में मंत्री रहे हैं।

    By Sujeet Kumar SumanEdited By: Updated: Wed, 30 Sep 2020 04:31 PM (IST)
    झारखंड के पूर्व मंत्री रहे रणधीर सिंह।

    रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। आवास आवंटन के मामले में पूर्व मंत्री रणधीर सिंह और नवीन जायसवाल को हाई कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने दोनों लोगों की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने 2 सप्ताह में आवास खाली करने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को मंत्री और विधायकों के लिए आवास आवंटन को लेकर नियम बनाने का आदेश दिया है। दोनों ने आवास खाली करने को चुनौती दी थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यहां बता दें कि दो म‍हीने पहले भवन‍ निर्माण विभाग ने रघुवर दास सरकार में मंत्री-विधायक रहे कई नेताओं को सरकारी आवास खाली करने का नोटिस दिया था। इसमें अमर बाउरी, नवीन जायसवाल, रणधीर सिंह आदि नेता शामिल हैं। नोटिस मिलने पर इन नेताओं ने कहा था कि हेमंत सरकार को अपनी ताकत पर अहंकार हो गया है।

    इससे पूर्व फरवरी में सुदेश महतो, पूर्व मुख्‍यमंत्री रघुवर दास आदि नेता को आवास खाली करने के लिए नोटिस भेजा गया था। विधानसभा सचिवालय ने तमाम पूर्व विधायकों को तत्काल आवास खाली करने का नोटिस दिया था। आवास की किल्लत के कारण कई विधायकों को निजी आवास में रहना पड़ रहा था। विधानसभा सचिवालय ने 31 पूर्व विधायकों को आवास खाली करने को कहा था।

    इससे पहले मई महीने में पूर्व मुख्‍यमंत्री रघुवर दास के आप्‍त सचिव रहे अंजन सरकार के सरकारी आवास को जबरन खाली करवा लिया गया था। आवास खाली करने के समय अंजन सरकार रांची में नहीं थे। वे लाॅकडाउन के कारण असम में फंसे हुए थे। इसी दौरान आवास को खाली करा लिया गया था। मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में उनके घर में रखे सभी सामान बाहर निकाल दिया गया और आवास को भवन निर्माण विभाग ने अपने कब्जे में ले लिया गया था। इस मामले की पूर्व मुख्‍यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने निंदा की थी। उन्होंने सवाल उठाया था कि सरकारी आवास को लॉकडाउन के दौरान ही खाली क्यों कराया गया। लॉकडाउन में तो लोग किरायेदार का भी घर खाली नहीं कराते हैं।