Jharkhand News: हेमंत सोरेन के खिलाफ सीबीआइ जांच का आदेश दे सकता है झारखंड हाई कोर्ट
Jharkhand News झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके करीबियों के खिलाफ शेल कंपनियां चलाने की सीबीआइ जांच का आदेश झारखंड हाई कोर्ट दे सकता है। हाई कोर्ट में इस अहम मामले की विशेष सुनवाई हो रही है।
रांची, जेएनएन। Jharkhand News झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट सीबीआइ जांच का आदेश दे सकता है। हेमंत सोरेन पर खनन मंत्री रहते हुए अपने नाम पर खदान लीज लेने के संगीन आराेप लगे हैं। जिसे अदालत पहले ही Misuse of Post पद का दुरुपयोग कह चुकी है। जबकि खान विभाग की सचिव आइएएस पूजा सिंघल भ्रष्टाचार और मनी लांड्रिंग में लिप्त पाई गई हैं। अभी वे प्रवर्तन निदेशालय की गिरफ्त में हैं। जांच एजेंसी ने कोर्ट में हड़कंप मचाने वाले दस्तावेज पेश कर दावा किया है कि पूजा सिंघल के भ्रष्टाचार में सत्ता शीर्ष की भूमिका संदिग्ध है। ईडी को इस मामले में कई पुख्ता सबूत मिले हैं। सरकार के पक्षकार सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल हेमंत सोरेन का बचाव करेंगे। इस मामले की सुनवाई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन की अदालत में होगी। सुबह 10 बजे विशेष सुनवाई के लिए यह हाई प्रोफाइल मामला सूचीबद्ध है।
इधर हेमंत सोरेन, भाई बसंत सोरेन और उनके कई करीबियों के खिलाफ शेल कंपनियाें के जरिये मनी लांड्रिंग करने के संगीन आरोपों के मामले में भी झारखंड हाई कार्ट आज ही सुनवाई करने जा रहा है। इस मामले में भी हाई कोर्ट सीबीआइ जांच का आदेश दे सकता है। प्रवर्तन निदेशालय ने पिछली सुनवाई में कोर्ट को बताया था कि हेमंत सोरेन के करीबी रहे रवि केजरीवाल से होटल, रेस्टोरेंट समेत कई दूसरे धंधे में काला धन निवेश किया गया है। हाई कोर्ट में यह दोनों याचिका शिवशंकर शर्मा ने दाखिल की है।
इधर खूंटी में हुए 18 करोड़ के मनरेगा घोटाला की सीबीआइ जांच की मांग वाली याचिका पर भी हाई कोर्ट इन मामलों के साथ ही सुनवाई करने जा रहा है। प्रार्थी का आरोप है कि झारखंड सरकार के अधीन वाली एसीबी इस मामले में जांच सही तरीके से नहीं कर रही। इस मामले में जूनियर इंजीनियर को फंसाकर उपायुक्त रहीं पूजा सिंघल को छोड़ दिया गया है। जबकि मनरेगा में सबसे अहम जिम्मेवारी उपायुक्त की होती है। इस मामले पर उच्च न्यायालय अपना अहम फैसला सुना सकता है।
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पिछली सुनवाई में झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने राज्य सरकार को खूंटी में हुए मनरेगा घोटाले में दर्ज सभी प्राथमिकियों का पूरा ब्योरा हाई कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया था। तब सरकार की पैरवी कर रहे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सीबीआइ जांच की मांग करने वाली इस याचिका की वैधता पर सवाल उठाते हुए इसे रद करने की मांग अदालत से की थी।
हेमंत सोरेन के खदान लीज और शेल कंपनियां की सीबीआइ जांच की मांग वाली याचिका को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा था कि याचिकाकर्ता का परिवार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का राजनीतिक विरोधी है। इसलिए इस याचिका को खारिज कर देना चाहिए। कपिल सिब्बल ने पिछली सुनवाई में ईडी के हड़कंप मचाने वाले गोपनीय दस्तावेज भी मांगे। लेकिन अदालत ने ईडी के सनसनीखेज दस्तावेज देखकर उसे फिर से सील करने का आदेश दे दिया।