हेमंत सोरेन के खिलाफ सीबीआइ जांच का विरोध क्यों, हाई कोर्ट ने पूछा, तो बगलें झांकने लगे कपिल सिब्बल
Jharkhand News झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करीबियों के खिलाफ शेल कंपनियां चलाने की सीबीआइ जांच का सरकार विराेध क्यों कर रही है। झारखंड हाई कोर्ट के इस सवाल के जवाब में सुप्रीम कोर्ट के नामी वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यह याचिका खारिज कर देनी चाहिए।
रांची, जेएनएन। Jharkhand News झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, भाई बसंत सोरेन और उनके कई करीबियों के खिलाफ शेल कंपनियां चलाने की सीबीआइ जांच की मांग वाली याचिका पर आज झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन ने हेमंत सरकार का पक्ष रख रहे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से पूछा कि आखिर सरकार सीबीआइ जांच का विराेध क्यों कर रही है। झारखंड हाई कोर्ट के इस सवाल के जवाब में सिब्बल ने कहा कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, इसे खारिज कर देनी चाहिए। अदालत ने इसके बाद कहा कि सरकार की आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल का मामला सबके सामने उजागर हो चुका है। उनकी पोल दुनिया के सामने खुल चुकी है। हम सभी को पता है कि सरकार की खान और उद्योग सचिव पूजा सिंघल के सीए सुमन कुमार के पास से करीब 20 करोड़ रुपये बरामद हुए हैं।
इधर प्रवर्तन निदेशालय, ईडी के वकील तुषार मेहता ने आज एक बार फिर अदालत में बड़े-बड़े दावे किए।कहा कि आइएएस पूजा सिंघल के ठिकानों पर छापेमारी और उनसे हो रही पूछताछ में हड़कंप मचाने वाली जानकारी सामने आ रही है। झारखंड में सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों और राज्य सरकार के बड़े अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार में हो रहे घोटाले की राशि शेल कंपनियों के जरिये मनी लांड्रिंग की जा रही है। नेता-अफसर के पैसे होटल और रेस्टोरेंट में निवेश किए जा रहे हैं।
ईडी ने पूरे जोर से अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अभी मनरेगा घोटाले की जांच राज्य सरकार के अधीन वाली एसीबी कर रही है। ऐसे में एजेंसी की ओर से अदालत को सौंपे गए दस्तावेज का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है। जांच प्रभावित किए जाने की संभावना है। इस मामले की जांच एसीबी से लेकर सीबीआइ को सौंप देना चाहिए। प्रवर्तन निदेशालय की जांच अभी जारी है। दस्तावेजों की गहन छानबीन चल रही है। झारखंड हाई कोर्ट से ईडी ने कहा कि भ्रष्टाचार के संगीन आरोपों में घिरीं आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल, उनके पित अभिषेक झा, रवि केजरीवाल और माइनिंग अफसरों से पूछताछ और बरामद दस्तावेज से सबको चौंकाने वाले और बेहद अहम खुलासे हुए हैं।
बहरहाल, इस पूरे मामले में झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 19 मई की तारीख तय कर दी है। इस क्रम में राज्य सरकार को खूंटी में हुए मनरेगा घोटाले में दर्ज सभी प्राथमिकियों का पूरा ब्योरा हाई कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया गया है। जबकि सरकार की ओर से पैरवी कर रहे कपिल सिब्बल ने सीबीआइ जांच वाली याचिका की वैधता पर सवाल उठाया और कहा कि यह राजनीति से प्रेरित है। याचिकाकर्ता का परिवार 20 साल से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के राजनीतिक विरोधी है। कपिल सिब्बल ने ईडी की ओर से सीलबंद लिफाफे में जमा किए गए गोपनीय दस्तावेज भी सरकार को दिए जाने की मांग की। इस बीच अदालत ने ईडी के हड़कंप मचाने वाले दस्तावेज देखे और उसे फिर से सील करने का आदेश दे दिया।
इस बीच खबर ये भी है कि ईडी ने आइएएस पूजा सिंघल से जुड़े मनी लांड्रिंग के पूरे मामले में जांच की गति तेज कर दी है। आज फिर पांच ट्रंक दस्तावेज जांच-पड़ताल के लिए ईडी के दफ्तर लाए गए हैं। जबकि राज्य के चार जिलों के जिला खनन पदाधिकारी से ईडी अवैध धन उगाही के मामले में कड़ाई से पूछताछ कर रही है। जिन शेल कंपनियों के नाम अब तक सामने आए हैं, उनके दस्तावेज और लेन-देन के तमाम रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। इधर भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने एक पर एक ट्वीट कर फिर से सनसनी मचा दी। उन्होंने इस बार नया दावा करते हुए लिखा है कि जिस खनन अधिकारी सत्यजीत कुमार ने हेमंत सोरेन को खदान का आवंटन किया था, वह लापता हो गया है। उसके इस्तीफा देने की भी खबर है।