Jharkhand High Court: संक्रमित ब्लड चढ़ाने के मामले में सरकार के दावे पर प्रार्थी देगा जवाब, एचआइवी के शिकार हुए थे थैलेसिमिया पीड़ित 5 बच्चे
झारखंड उच्च न्यायालय में थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को संक्रमित खून चढ़ाने के मामले की सुनवाई हुई। पांच बच्चों को एचआईवी संक्रमण हुआ था। अदालत ने सरकार के जवाब पर प्रार्थी को प्रत्युत्तर दाखिल करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई में प्रार्थी सरकार के दावों पर अपना पक्ष रखेगा।

चाईबासा सदर अस्पताल में ब्लड ट्रांसफ्यूजन के बाद पांच बच्चे एचइवी पाजिटिव पाए गए।
राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand High court के चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में चाईबासा में बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ाने से एचआइवी संक्रमित होने के मामले में सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जवाब दाखिल किया गया। इसमें कहा गया कि राज्य में 60 प्रतिशत ब्लड रक्तदान शिविर से प्राप्त किया जाता है। प्रार्थी की ओर से कहा गया कि सरकार का दावा सही नहीं है।
उनकी ओर से मामले में जवाब दाखिल किया जाएगा, इसलिए समय दिया जाए। अदालत ने अगली सुनवाई 10 दिसंबर को निर्धारित की है। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि निजी अस्पतालों में अभी भी लोगों को ब्लड की जरूरत होने पर रिप्लेसमेंट ब्लड दाता मांगा जा रहा है।
सरकार की ओर से ब्लड एकत्रित करने की पहल शुरू की गई है, इसके लिए ब्लड कैंप भी लगाए जा रहे हैं। कोर्ट के आदेश के बाद भी कोई बदलाव नहीं आ रहा है। इस पर सरकार की ओर से जवाब दाखिल किया गया।
बता दें कि थैलेसीमिया पीड़ित एक बच्चे को रांची सदर अस्पताल में ब्लड चढ़ाया गया था। उसके बाद उसे एचआइवी संक्रमित पाया गया। बच्चे के पिता ने हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखा था।
पत्र को गंभीरता से लेते हुए हाई कोर्ट ने उसे जनहित याचिका में बदल दिया था। इसी तरह पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा सदर अस्पताल में ब्लड ट्रांसफ्यूजन के बाद पांच बच्चे एचइवी पाजिटिव पाए गए हैं, जिनमें एक सात वर्षीय थैलेसीमिया रोगी भी शामिल है।

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