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    झारखंड के विश्वविद्यालयों में 73 से अधिक सहायक लाइब्रेरियन के पद रिक्त, जेट परीक्षा में एलआइएस को शामिल करने के मामले में सरकार ने दिया जवाब

    By Manoj Singh Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Fri, 31 Oct 2025 02:15 PM (IST)

    झारखंड हाई कोर्ट में जेट परीक्षा में लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस को शामिल करने पर सुनवाई हुई। सरकार ने विश्वविद्यालयों में सहायक लाइब्रेरियन के पदों की जानकारी दी, जबकि प्रार्थी ने आरटीआई के माध्यम से रिक्त पदों की संख्या बताई। अदालत ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और कहा कि प्रार्थी के सफल होने पर एलआइएस के लिए अलग से व्यवस्था करनी होगी। 

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    सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता मास्टर डिग्री के साथ नेट या जेट अनिवार्य किया गया है।

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट में गुरुवार को लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस विषय को झारखंड एलिजिबिलिटी टेस्ट (जेट) में शामिल करने को लेकर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि राज्य के विश्वविद्यालयों में विश्वविद्यालय सहायक लाइब्रेरियन के कुल तीन पद स्वीकृत हैं, जिनमें से दो पद भरे हुए हैं और एक रिक्त है।

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    वहीं, प्रार्थी की ओर से आरटीआई के माध्यम से प्राप्त आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया कि उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अनुसार झारखंड के विभिन्न विश्वविद्यालयों में 73 से अधिक सहायक लाइब्रेरियन के पद स्वीकृत और रिक्त हैं।

    प्रार्थी ने अदालत को बताया कि झारखंड तकनीकी शिक्षा सेवा नियमावली, 2024 में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता मास्टर डिग्री के साथ नेट या जेट है।

    ऐसे में राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय सहायक लाइब्रेरियन और सहायक लाइब्रेरियन के बीच किया गया भेद कृत्रिम है, क्योंकि दोनों पदों की योग्यता समान है और कार्य की प्रकृति भी एक जैसी है।

    अदालत ने सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार स्वयं यह स्वीकार कर चुकी है कि विश्वविद्यालय सहायक लाइब्रेरियन पद के लिए नेट/ जेट आवश्यक है। इसके बाद अदालत ने प्रार्थी को निर्देश दिया कि वह एक अनुपूरक शपथपत्र दाखिल करे।

    इसमें आरटीआइ से प्राप्त सभी आंकड़े अभिलेख पर लाए जाएं। साथ ही, राज्य सरकार को भी निर्देश दिया गया कि वह इस पर अपना जवाब दाखिल करे। अदालत ने यह भी कहा कि यदि प्रार्थी इस वाद में सफल होता है तो राज्य को लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस विषय के  लिए अलग विंडो खोलनी होगी या फिर इस विषय के लिए अलग से जेट परीक्षा आयोजित करनी होगी।

    क्योंकि गुरुवार को जेट के आवेदन की अंतिम तिथि समाप्त हो गई है। अदालत ने मामले को दो सप्ताह बाद पुनः सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।

    प्रार्थी राजेश कुमार ने याचिका दायर कर कहा है कि कि कई वर्षों बाद आयोजित हो रही जेट परीक्षा में कुल 54 विषय शामिल किए गए हैं, लेकिन लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस को जानबूझकर बाहर रखा गया है।

    राज्य के विश्वविद्यालयों में पुस्तकालय संबंधी पदों की भारी रिक्ति के बावजूद इस विषय के स्नातकोत्तर अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होने का अवसर नहीं दिया गया, जो समानता के अधिकार का उल्लंघन है।  आ अएऐअआ