झारखंड हाई कोर्ट ने PCCF के वेतन पर लगाई रोक, सेवानिवृत्ति बकाया भुगतान में देरी पर सख्त कार्रवाई
झारखंड हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्ति बकाया भुगतान मामले में सख्ती दिखाते हुए पीसीसीएफ अशोक कुमार के वेतन पर रोक लगा दी। अदालत ने कहा कि जब तक प्रार्थी का बकाया नहीं चुकाया जाता तब तक पीसीसीएफ को वेतन नहीं मिलेगा। अदालत ने 12 साल से बकाया राशि रोके जाने पर नाराजगी जताई और पीसीसीएफ के समय मांगने के आग्रह को ठुकरा दिया।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने सेवानिवृत्ति बकाया का भुगतान नहीं करने के खिलाफ दाखिल याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई।
सुनवाई के बाद अदालत ने पीसीसीएफ अशोक कुमार के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है। अदालत ने कहा कि जब तक प्रार्थी का सेवानिवृत्ति बकाया भुगतान नहीं होता है, तब तक पीसीसीएफ को वेतन नहीं मिलेगा।
12 साल से रोका पैसा
अदालत ने कहा कि सेवानिवृत्ति बकाया सरकार का पैसा नहीं, जो उसे रोका गया है। 12 साल से किसी का पैसा रोका गया है, उसकी स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। अदालत ने पीसीसीएफ की ओर से समय दिए जाने के आग्रह को ठुकराते हुए उनके वेतन पर रोक लगा दी।
अदालत ने भुगतान करने के बाद कोर्ट को इसकी जानकारी देने की बात कही। इस संबंध में शेख अजतुल्ला की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता शादाब बिन हक ने पक्ष रखते हुए कहा कि प्रार्थी बिहार के समय रेंजर पर नियुक्ति हुए थे। लेकिन आरोप लगाकर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। लेकिन उन्होंने पटना हाई कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दाखिल की।
इस बीच उनका कैडर झारखंड कर दिया गया। पटना हाई कोर्ट ने उन्हें फिर से बहाल करने का निर्देश दिया। सरकार ने उन्हें बहाल कर दिया। लेकिन वर्ष 2017 में सरकार ने यह कहते हुए फिर से बर्खास्त कर दिया कि पूर्व का बर्खास्तगी आदेश सही है।
2013 में सेवानिवृत तो 2017 में बर्खास्त कैसे?
इसके बाद झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। एकल पीठ को बताया गया कि प्रार्थी वर्ष 2013 में सेवानिवृत हो गया तो वर्ष 2017 में कैसे बर्खास्त किया जा सकता है। अदालत ने सरकार के आदेश को निरस्त करते हुए बकाया भुगतान का आदेश दिया।
लेकिन इसके खिलाफ सरकार ने अपील दाखिल की थी। इसपर खंडपीठ ने पिछली सुनवाई के दौरान पीसीसीएफ को तलब किया था।
गुरुवार को सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि प्रक्रिया पालन करने में समय लगेगा। इसलिए दो सप्ताह का समय दिया जाए। इस पर अदालत ने कहा कि 12 साल से किसी का पैसा रोका गया है। इसका पेनाल्टी कौन देगा। इसलिए जब तक प्रार्थी का भुगतान नहीं किया जाता है, तब तक पीसीसीएफ को वेतन नहीं दिया जाएगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।