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    झारखंड हाई कोर्ट ने कहा- 15 साल की मुस्लिम लड़की अपनी पसंद से शादी करने के लिए स्वतंत्र

    By Jagran NewsEdited By: Sanjay Kumar
    Updated: Thu, 01 Dec 2022 09:36 AM (IST)

    Jharkhand High Court झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की पीठ ने कहा है कि मुस्लिम पर्सनल ला के तहत 15 साल या उससे अधिक उम्र की मुस्लिम लड़की अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने के लिए स्वतंत्र है। पूरा मामला जानिए...

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    Jharkhand High Court: झारखंड हाई कोर्ट ने कहा, 15 साल की मुस्लिम लड़की अपनी पसंद से कर सकती है शादी।

    रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand High Court झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की पीठ ने कहा है कि मुस्लिम पर्सनल ला के तहत 15 साल या उससे अधिक उम्र की मुस्लिम लड़की अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने के लिए स्वतंत्र है। अदालत ने 15 साल की एक लड़की से शादी करने वाले युवक के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी और निचली अदालत की कार्रवाई को निरस्त करते हुए उक्त बातें कही हैं।

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    मुस्लिम पर्सनल ला के हिसाब से ऐसा कर सकती है मुस्लिम लड़की

    हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मुस्लिम लड़की का विवाह मुस्लिम पर्सनल ला के तहत होता है। ऐसे में 15 साल की लड़की अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ विवाह करने को स्वतंत्र है। इस संबंध में मोहम्मद सोनू ने प्राथमिकी को चुनौती देते हुए झारखंड हाई कोर्ट क्वैशिंग याचिका दाखिल की थी। उसके खिलाफ लड़की के पिता ने बहला कर शादी करने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

    जमशेदपुर की रहने वाली है लड़की, बिहार का लड़का

    लड़की जमशेदपुर के जुगसलाई की रहने वाली है और सोनू बिहार के नवादा का रहने वाला है। सुनवाई के दौरान लड़की के पिता ने अदालत में शपत पत्र दाखिल कर कहा था कि उसे अपनी पुत्री के विवाह से कोई परेशानी नहीं है। कुछ गलतफहमी की वजह से सोनू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

    दोनों परिवारों ने शादी के लिए दी मंजूरी

    सुनवाई के दौरान लड़की ओर से अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि इस शादी को दोनों परिवारों ने मंजूरी दे दी है। इसके बाद अदालत ने युवक के खिलाफ प्राथमिकी को निरस्त कर दिया है।