Jharkhand Govt Job: अस्पतालों में 1900 पदों पर शीघ्र नियुक्ति, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की बड़ी घोषणा
Jharkhand News झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा है कि सरकारी अस्पतालों में 1900 पदों पर शीघ्र बहाली होने जा रही है। इसकी तमाम प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। शुक्रवार या शनिवार तक इस संबंध में झारखंड सरकार विज्ञापन जारी कर देगी।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Health Minister Banna Gupta झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा है कि सरकारी अस्पतालों में मानव संसाधन की कमी को दूर करने के लिए झारखंड सरकार द्वारा 1900 नए पदों के लिए तीन-चार दिनों में बहाली निकाली जाएगी। पहली बार अस्पतालों में हास्पिटल मैनेजर एवं अन्य पदों पर नियुक्ति होगी। वहीं, वैसे पद सरेंडर होंगे जो अब अप्रासंगिक हो चुके हैं। नियुक्ति में बीएसएफ, अद्धैसैनिक एवं सेना के सेवानिवृत्त जवानों एवं कर्मियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की बहाली के बाद झारखंड के अस्पतालों की स्थिति में काफी सुधार आएगा। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने जहां आवश्यकता नहीं थी, वहां भी अस्पतालों के भवन बना दिए थे। जंगलों में भी भवन बने। कमीशन के लिए मशीन-उपकरण खरीद लिए गए लेकिन मानव संसाधन की नियुक्ति नहीं होने से वे बेकार साबित हुए। हेमंत सोरेन सरकार इस तरह का झूठा इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने की बजाय जो उपलब्ध है उन्हें ही समृद्ध करने का काम करेगी ताकि उसका लाभ मरीजों को मिल सके।
दैनिक जागरण के कार्यालय में मंत्री ने की घोषणा
मंत्री बुधवार को दैनिक जागरण के रांची कार्यालय में राउंड टेबल कार्यक्रम में सवालों के जवाब दे रहे थे। राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था से संबंधित दैनिक जागरण के सवालों पर मंत्री ने कहा कि रातों रात सुधार नहीं हो सकता। सरकार इसमें लगातार सुधार पर काम कर रही है। एक सवाल के जवाब में मंत्री ने केंद्र पर कोरोना काल में भेदभाव का भी आरोप लगाया। कहा कि झारखंड ने पूरे देश को आक्सीजन उपलब्ध कराया लेकिन जब झारखंड को जरूरत हुई तो उसके आक्सीजन सिलेंडर खरीदने की अनुमति नहीं दी गई। गुजरात को अधिक रेमडेसिविर दिए गए, जबकि झारखंड को जरूरत के अनुसार इंजेक्शन नहीं मिला।
साठ प्रतिशत के बदले 90 प्रतिशत राशि दे केंद्र
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान एवं अन्य स्वास्थ्य योजनाओं में 90:10 की व्यवस्था लागू करनी चाहिए। 60 प्रतिशत के बजाय 90 प्रतिशत राशि केंद्र दे। आयुष्मान भारत-मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत निजी अस्पतालों के बकाया पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इसमें बंदरबांट की साजिश चल रही थी। लेकिन वे किसी को बने हुए बिरयानी में मिट्टी तेल डालने नहीं देंगे। किसी अस्पताल को निलंबित कर उसे बाद में निलंबन मुक्त भी कर दिया जाता था। अब ऐसा नहीं चलेगा। निलंबन हटाने का आधार देना होगा। अस्पताल नकली आइडी बनाकर पैसे की निकासी कर रहे थे। विभाग ने ऐसे मामलों में एफआइआर भी दर्ज कराया।
चयनित अस्पताल इलाज नहीं करेंगे तो कार्रवाई
उन्होंने कहा कि सूचीबद्ध अस्पताल मरीजों के इलाज से पीछे हटेंगे तो उनके विरुद्ध कार्रवाई भी होगी। उन्होंने इस योजना के तहत निजी अस्पतालों के 110 करोड़ बकाया भुगतान कर देने की जानकारी दी मंत्री ने यह भी कहा कि सभी निजी अस्पतालों को पीसीपीएनडीटी एक्ट का भी सख्ती से अनुपालन करना होगा। कन्या भ्रूण हत्या को बढ़ावा देनेवाले अस्पताल बख्शे नहीं जाएंगे। पटमदा में एक अस्पताल अधिक गर्भपात करा रहा था। उसके संचालक पर प्राथमिकी दर्ज कराकर जेल भेजने का काम किया गया। मंत्री ने कहा कि राज्य में बड़ी संख्या में निजी नर्सिंग, फार्मेसी एवं पारा मेडिकल संस्थान खुल गए हैं। उन्होंने उन सभी का भौतिक सत्यापन कर जांच का आदेश दिया है कि वे निर्धारित अर्हता रखते भी हैं या नहीं। जो संस्थान आवश्यक अर्हता नहीं रखते वे बंद होंगे।
अस्पतालों में होगी डाक्टर, नर्स के रहने की व्यवस्था
अस्पतालों में चिकित्सकों के गायब रहने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि चिकित्सक ग्रामीण क्षेत्रों में इसलिए नहीं जाना चाहते, क्योंकि वहां उनके रहने की व्यवस्था नहीं है। अब जिन जिलों में 100 बेड के नए अस्पताल खोले जाएंगे वहां चिकित्सक एवं नर्स के रहने के लिए आवास भी बनाए जाएंगे। डीपीआर में इसका प्रविधान किया जा रहा है। वहीं, चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए सभी उपायुक्तों को डीएमएफटी फंड से अनुबंध पर चिकित्सकों की नियुक्ति के निर्देश दिए गए हैं।
कुपोषण दूर करने के लिए मदर मिल्क बैंक योजना
मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि राज्य में कुपोषण एवं एनीमिया समस्या है लेकिन इस समस्या को दूर करने की दिशा में लगातार काम चल रहा है। कुपोषण को दूर करने को लेकर मदर मिल्क बैंक की योजना पर काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि दुर्गम क्षेत्रों में लोगों को एंबुलेंस की सेवा उपलब्ध हो, इसके लिए 175 बाइक एंबुलेंस क्रय करने की प्रक्रिया चल रही है।
निजी मेडिकल कालेजों की सरकारी शुल्क पर दाखिला
मंत्री ने कहा कि निजी मेडिकल कालेजों की 50 प्रतिशत सीटों पर होनेवाले नामांकन में छात्रों को उतना ही शुल्क देना होगा जितना शुल्क सरकारी मेडिकल कालेजों में लगता है। इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। इससे छात्रों को प्रत्येक साल 14-15 हजार रुपये ही देने होंगे, जबकि निजी मेडिकल कालेज शत-प्रतिशत सीटों पर 15 से 20 लाख रुपये सालाना वसूलते थे। उन्होंने कहा कि कैपिटेशन फीस भी कम करने पर विचार किया जा रहा है।
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