Jharkhand Health: दो वर्ष तक के बच्चों को नहीं दें कफ सिरप, सिविल सर्जन और मेडिकल कॉलेजों को दिए गए निर्देश
झारखंड में भी दो वर्ष तक के बच्चों को कफ सिरप नहीं देने के केंद्र की सलाह का अनुपालन कराया जाएगा। निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं डा. सिद्धार्थ सान्याल ने सभी सिविल सर्जनों और मेडिकल कालेजों के अधीक्षकों एवं प्राचार्यों को केंद्र की एडवाइजरी की जानकारी देते हुए उसका अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में भी दो वर्ष तक के बच्चों को कफ सिरप नहीं देने के केंद्र की सलाह का अनुपालन कराया जाएगा।
निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं डा. सिद्धार्थ सान्याल ने सभी सिविल सर्जनों और मेडिकल कालेजों के अधीक्षकों एवं प्राचार्यों को केंद्र की एडवाइजरी की जानकारी देते हुए उसका अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने बकायदा इसे लेकर सभी को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तीन अक्टूबर को जारी पत्र की प्रति भी भेजी है।
निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं ने कहा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय द्वारा तर्कसंगत दवा वितरण और रोगी सुरक्षा सुनिश्चित करने के क्रम में बाल चिकित्सा आबादी में कफ सिरप के विवेकपूर्ण निर्धारण और वितरण का परामर्श दिया गया है।
इस परामर्श के अनुसार, बच्चों में अधिकांश तीव्र कफ रोग स्वत: ठीक हो जाते है और अक्सर चिकित्सीय हस्तक्षेप की आवश्यक नहीं पड़ती है।
दो वर्ष तक के बच्चों को खांसी के उपचार के लिए कफ सिरप नहीं दी जानी चाहिए। आम तौर पर पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए कफ सिरप अनुशंसित नहीं है।
विशेष परिस्थिति में इसका उपयोग बच्चों को सावधानीपूर्वक मूल्यांकन कर कड़ी निगरानी में सख्त निर्देशों का पालन करते हुए उचित खुराक अनुशंसित की जा सकती है।
इसके लिए न्यूनतम प्रभावी अवधि और एक से अधिक दवाओं के सेवन से बचने के लिए आम जनमानस को चिकित्सक द्वारा निर्धारित दवाओं के पालन के बारे में जागरूक भी किया जाना आवश्यक है।
पर्याप्त जल सेवन, आराम के साथ-साथ गैर औषधीय उपाय, देखभाल के मानकों को बनाए रखने के लिए निजी क्षेत्रों के चिकित्सकों और वितरकों का भी संवेदीकरण (सेंसेटाइजेशन) जरूरी बताया गया है।
सभी सिविल सर्जन अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने वाले सरकारी एवं गैर सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों, औषधालयों, चिकित्सा केंद्रों में उक्त सलाह का अनुपालन सुनिश्चित किए जाने के निर्देश जारी किए जाएं।
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