Jharkhand में बढ़ेंगी अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं; हेल्थ काटेज, आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय और सात एआइ हाइटेक लैब
झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए हेल्थ कॉटेज, आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय और सात एआइ हाइटेक लैब स्थापित किए जा रहे हैं। इन पहलों का उद्द ...और पढ़ें

दिल्ली में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के राज्यमंत्री प्रताप राव जाधव से मुलाकात कर झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डा. इरफान अंसारी ने रखी कई मांगें।
राज्य ब्यूरो,रांची। झारखंड के स्वास्थ्य क्षेत्र को नई दिशा देने वाली एक महत्वपूर्ण बैठक सोमवार को राजधानी दिल्ली में हुई। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डा. इरफान अंसारी ने भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के राज्यमंत्री प्रताप राव जाधव से विस्तृत चर्चा की।
इस बैठक को झारखंड के स्वास्थ्य ढांचे के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है, जिसमें मेडिकल शिक्षा, आयुष पद्धति और अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार पर ठोस सहमति बनी।
बैठक के दौरान डा. इरफान अंसारी ने झारखंड में हेल्थ काटेज की स्थापना, आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय खोलने, राज्य के सभी मेडिकल कालेजों में सुविधाएं बढ़ाना, रांची स्थित रिम्स और सदर अस्पताल के उन्नयन तथा पूरे राज्य में सात एआइ तकनीक आधारित हाइटेक मेडिकल लैब स्थापित करने का प्रस्ताव रखा।
उन्होंने कहा कि झारखंड जैसे आदिवासी बहुल और भौगोलिक रूप से चुनौतीपूर्ण राज्य में मजबूत स्वास्थ्य व्यवस्था सामाजिक न्याय की बुनियाद है। यदि केंद्र और राज्य मिलकर काम करे तो स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव संभव है।
बैठक में यह भी तय हुआ कि प्रस्तावित योजनाओं के लिए केंद्र और राज्य सरकार के बीच 60:40 का फंडिंग फार्मूला लागू होगा। यानी कुल परियोजना लागत का 60 प्रतिशत केंद्र और 40 प्रतिशत राज्य सरकार वहन करेगी।
इसके लिए राज्य को पहले आवश्यक भूमि उपलब्ध करानी होगी और औपचारिक प्रस्ताव भेजने होंगे। केंद्रीय मंत्री ने यह भी भरोसा दिलाया कि मेडिकल कालेजों, रिम्स और सदर अस्पताल में एआइ आधारित हाइटेक लैब स्थापित करने में तकनीकी और प्रशासनिक सहयोग दिया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री का सवाल, 20 वर्षों में क्यों नहीं लाए ठोस प्रस्ताव
केंद्रीय मंत्री प्रताप राव जाधव ने राज्य सरकार की मांगों को जायज बताते हुए एक सवाल उठाया कि आपकी मांगें सही हैं, लेकिन पिछले 20 वर्षों में इस तरह के ठोस प्रस्ताव केंद्र को क्यों नहीं भेजे गए?
आखिर तब स्वास्थ्य विभाग कहां था? इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि अब राज्य सरकार गंभीरता से आगे बढ़ती है तो केंद्र सरकार पूरा सहयोग देगी।
जाधव ने डा. इरफान अंसारी को अपनी पूरी तकनीकी टीम के साथ दिल्ली आने का आमंत्रण दिया ताकि योजनाओं को जल्द अंतिम रूप दिया जा सके।

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