झारखंड हाईकोर्ट ने शिक्षकों के अंतर-जिला तबादले पर सरकार से मांगा जवाब, दुर्गापूजा के बाद अगली सुनवाई
रांची उच्च न्यायालय ने शिक्षकों के अंतर-जिला तबादलों से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उनके आवेदन इस आधार पर खारिज कर दिए गए कि उनके जीवनसाथी सरकारी कर्मचारी नहीं हैं जबकि सरकारी आदेश में अनुबंधित कर्मचारियों को भी शामिल करने का प्रावधान है।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट ने शिक्षकों के अंतर-जिला तबादले से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई दुर्गापूजा के बाद होगी।
सुनवाई के दौरान प्रार्थियों ने बताया कि ऑनलाइन टीचर ट्रांसफर पोर्टल पर उनका आवेदन केवल इस आधार पर खारिज कर दिए गए हैं कि उनके जीवनसाथी (पति या पत्नी) सरकारी कर्मचारी नहीं हैं। जबकि राज्य सरकार के एक आदेश में स्पष्ट प्रविधान है कि अनुबंधित कर्मचारी के रूप में कार्यरत जीवनसाथी वाले मामलों को भी दंपती स्थानांतरण श्रेणी में शामिल किया जाएगा।
शिक्षकों का आरोप है कि यह कार्रवाई राज्य सरकार की स्वीकृत नीति के विरुद्ध है और समान परिस्थितियों में वर्ष 2024 में कई अन्य शिक्षकों को दंपती स्थानांतरण का लाभ दिया गया है, जबकि प्रार्थियों को इससे वंचित रखा गया।
प्रार्थी वर्तमान में राज्य के विभिन्न जिलों में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत हैं और उन्होंने जीवनसाथी के कार्यस्थल वाले जिले में तबादले के लिए आवेदन किया था।
याचिका में हाई कोर्ट से मांग की गई है कि संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया जाए कि वे स्थानांतरण नीति के अनुसार उनके आवेदनों पर पुनर्विचार करें और उन्हें भी वही लाभ प्रदान करें, जो पहले समान परिस्थितियों वाले शिक्षकों को दिया जा चुका है।
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