Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'बांग्लादेशी घुसपैठिए आपकी जमीन पर...' झारखंड HC ने राज्‍य सरकार से दो हफ्ते में मांगी प्रोग्रेस रिपोर्ट

    Updated: Wed, 03 Jul 2024 11:40 PM (IST)

    Jharkhand Hindi News झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एसएन प्रसाद व जस्टिस एके राय की खंडपीठ में संताल परगना क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठ पर रोक लगाने की मांग को लेकर दाखिल पीआईएल पर सुनवाई हुई। अदालत ने मौखिक रूप से राज्य सरकार से कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठिए आपकी जमीन पर रह रहे हैं एवं तमाम सुविधा उठा रहे हैं। इनको चिह्नित करना होगा।

    Hero Image
    हाईकोर्ट ने कहा- डीसी बांग्लादेशी घुसपैठियों पर कार्रवाई पर स्वयं निगरानी रखें। (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसएन प्रसाद व जस्टिस एके राय की खंडपीठ में संताल परगना क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठ पर रोक लगाने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।

    सुनवाई के बाद अदालत ने संताल प्रमंडल के सभी उपायुक्तों को आपसी सामंजस्य से बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों को चिह्नित कर वापस भेजने की कार्ययोजना तैयार करने को कहा है।

    अदालत ने मौखिक रूप से राज्य सरकार से कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठिए आपकी जमीन पर रह रहे हैं एवं तमाम सुविधा उठा रहे हैं। इनको चिह्नित करना होगा और इन्हें वापस बांग्लादेश भेजना होगा। अदालत ने सरकार से दो सप्ताह के अंदर प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अदालत ने सरकार से पूछा है कि अब तक कितने बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिह्नित किया गया है। कितने को रोका गया है और कितनों को वापस भेजने का प्रयास किया जा रहा है।

    मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को निर्धारित की गई है। अदालत ने मामले में मुख्य सचिव को भी निर्देश दिया है कि संताल परगना में आने वाले छह जिलों

    के डीसी बांग्लादेशी घुसपैठियों पर कार्रवाई पर स्वयं निगरानी रखें। अदालत ने मौखिक कहा यह किसी राज्य या जिले का मुद्दा नहीं है, बल्कि देश का मुद्दा है।

    विदेशी घुसपैठियों का रोकना होगा प्रवेश

    हाई कोर्ट ने कहा कि देशी घुसपैठियों को भारत में प्रवेश करने से हर हाल में रोकना होगा। अदालत ने कहा है कि यह अति गंभीर मामला है इसे सिर्फ राज्य सरकार नहीं संभाल सकती है। केंद्र सरकार को भी राज्य सरकार के साथ मिल कर काम करना चाहिए।

    अदालत ने इस मामले में केंद्र सरकार को भी जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। अदालत ने केंद्र सरकार से जानना चाहा है कि केंद्र सरकार इस मामले में क्या-क्या कदम उठा सकती है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि घुसपैठ के मामले में केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को अधिकार दिए हैं।

    अब राज्य सरकार ऐसे लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई कर सकती है। इस पर प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि राज्य सरकार राज्य में घुसपैठ से इन्कार कर रही है। संताल परगना क्षेत्र में किसी प्रकार के मतांतरण की बात भी स्वीकार नहीं कर रही है। केंद्र सरकार को ही घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया जाना चाहिए।

    प्रार्थी का आरोप- मदरसों से देश विरोधी कार्य हो रहे

    बता दें कि इस संबंध में प्रार्थी डानियल दानिश की ओर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि संताल परगना के वैसे जिले जो बांग्लादेश से सटे हुए उनमें बांग्लादेश के प्रतिबंधित संगठन सुनियोजित योजना के तहत झारखंड के आदिवासियों लड़की से शादी कर उनका धर्म परिवर्तन करा रहे हैं। इसे रोका जाना जरूरी है।

    पिछले कुछ वर्षों में संथाल परगना के बांग्लादेशी सीमा से सटे हुए जिलों में अचानक मदरसों में बढ़ोतरी हुई है। प्रार्थी ने लगभग 46 नए मदरसा की सूची भी कोर्ट में पेश की है।

    प्रार्थी ने आरोप लगाया कि इन मदरसों से देश विरोधी कार्य हो रहे हैं। आदिवासी युवतियों का शोषण हो रहा है और घुसपैठिए जमीन पर कब्जा भी कर रहे हैं। अदालत से इसकी जांच कराने का आग्रह किया है।

    यह भी पढ़ें - 

    Hemant Soren: चम्‍पाई सोरेन ने राज्‍यपाल को सौंपा इस्‍तीफा, हेमंत ने पेश किया CM बनने का दावा