'15 साल से अधिक सेवा देने वाले अस्थायी कर्मी भी पेंशन पाने के हकदार', HC ने सरकार को दिया ये आदेश
झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को 18 अस्थायी कर्मचारियों को पेंशन और ग्रेच्युटी देने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि 15 साल से अधिक सेवा करने वाले कर्मचारी पेंशन के हकदार हैं। सुरेंद्र नाथ महतो समेत 16 कर्मचारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह फैसला सुनाया। सरकार ने इन्हें सीजनल कर्मी बताकर पेंशन देने से इनकार कर दिया था।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने बुधवार को राज्य सरकार को 18 अस्थायी कर्मचारियों को पेंशन और ग्रेच्युटी लाभ प्रदान करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि जब सरकार की पेंशन नियमावली में 15 साल तक सेवा करने वालों को पेंशन प्राप्त करने का हक है तो प्रार्थियों को इसका लाभ मिलना चाहिए।
इस संबंध में सुरेंद्र नाथ महतो सहित 16 कर्मियों ने 15 वर्षों से अधिक निरंतर सेवा देने के बावजूद पेंशन से वंचित रखे जाने के खिलाफ याचिका दाखिल की थी।
सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता सौरभ शेखर ने अदालत को बताया कि प्रार्थियों को जल संसाधन विभाग में 1980 के अस्थायी रूप से रेंट कलेक्टर, क्लर्क और अमीन जैसे पदों पर नियुक्ति की गई थी।
उन्होंने 15 से 30 वर्षों तक निरंतर सेवा की। लेकिन सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें पेंशन लाभ नहीं दिया गया। राज्य सरकार ने उन्हें सीजनल कर्मी बताते हुए पेंशन देने से इन्कार कर दिया था।
अदालत ने बिहार पेंशन नियम, 1950 के नियम 59 और राज्य सरकार के 12 अगस्त 1969 तथा 13 जनवरी 1975 के संकल्पों का हवाला देते हुए कहा कि 15 वर्ष से अधिक की निरंतर सेवा करने वाले अस्थायी कर्मचारी पेंशन के हकदार हैं।
अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रार्थियों की सेवा न तो अनियमित थी और न ही सीजनल थी, बल्कि वे नियमित रूप से स्थायी पदों पर कार्यरत थे। अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि चार महीने के भीतर प्रार्थियों को पेंशन और ग्रेच्युटी सहित सभी लाभ प्रदान करे। उन्हें सेवानिवृत्ति की तिथि से बकाया राशि का भुगतान भी सुनिश्चित किया जाए।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।