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    Jharkhand पथ निर्माण और कार्मिक सचिव को हाई कोर्ट ने भेजा अवमानना नोटिस, सहायक अभियंता की नियुक्ति और प्रोन्नति का मामला

    By Manoj Singh Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Fri, 19 Dec 2025 07:30 PM (IST)

    झारखंड उच्च न्यायालय ने पथ निर्माण और कार्मिक सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया है। यह मामला सहायक अभियंता की नियुक्ति और प्रोन्नति से जुड़ा है। अदालत न ...और पढ़ें

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    जेपीएससी ने बताया कि 18 दिसंबर को ही आयोग के पास सरकार ने सहायक अभियंता नियुक्ति और प्रोन्नति नियमावली भेजी है।

    राज्य ब्यूरो, रांची। हाई कोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस एके राय की खंडपीठ में सहायक अभियंता नियुक्ति एवं प्रोन्नति नियमावली की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई।

    सुनवाई के दौरान अदालत ने अब तक नियमावली तैयार नहीं किए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई। अदालत ने पथ निर्माण और कार्मिक सचिव को अवमानना का नोटिस जारी किया है।

    आदेश का अब तक पालन नहीं, इसलिए बनता है अवमानना

    अदालत ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ आरोप गठन पर 22 जनवरी को सुनवाई निर्धारित की। अदालत ने कहा कि कोर्ट के पूर्व आदेश का अब तक पालन नहीं किया गया है और सरकार बार बार समय ले रही है। इसलिए यह अवमानना का मामला बनता है।

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    सुनवाई के दौरान जेपीएससी की ओर से अदालत को बताया कि 18 दिसंबर को ही आयोग के पास सरकार ने सहायक अभियंता नियुक्ति और प्रोन्नति नियमावली भेजी है।

    नियमावली तैयार करने में कई प्रक्रिया करनी पड़ती है, जिसमें थोड़ा समय लगेगा। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि चार अक्टूबर को ही सरकार को सहायक अभियंता नियुक्ति और प्रोन्नति नियमावली को तीन सप्ताह में लागू करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन सरकार ने इस पर गौर नहीं किया।

    सरकार ने बताया था, ड्राफ्ट जेपीएससी को मंतव्य के लिए भेजा गया है

    पूर्व में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया था कि सहायक अभियंता नियुक्ति नियमावली को संशोधित कर ड्राफ्ट जेपीएससी को मंतव्य के लिए भेजा गया है।

    इस पर अदालत ने जेपीएससी को प्रतिवादी बनाते हुए उन्हें अपना पक्ष रखने को कहा था। जेपीएससी की ओर से अदालत को बताया गया कि सरकार के द्वारा भेजे गए प्रारूप में कुछ त्रुटियां है उसको लेकर फिर से सरकार से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

    सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा था कि ड्राफ्ट की त्रुटियों को चिह्नित कर उसे सुधार दिया गया है और फिर से मंतव्य के लिए जेपीएससी को भेजा गया है, जो उन्हें प्राप्त भी हो गया है। जेपीएससी से जैसे ही मंतव्य आता है उसके बाद इसे लागू कर दिया जाएगा।