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    झारखंड हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, सैप के सेवा विस्तार की मांग वाली याचिका खारिज

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 07:42 PM (IST)

    झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने सैप में अनुबंध पर नियुक्त पूर्व सैनिकों के सेवा विस्तार की याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि गवर्निं ...और पढ़ें

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    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि अनुबंध पर नियुक्त पूर्व सैनिक गवर्निंग स्कीम में तय समय सीमा के बाद नौकरी जारी रखने या नियमित सरकारी कर्मचारियों की तरह सेवानिवृत्ति आयु तक सेवा विस्तार का दावा नहीं कर सकते हैं।

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    अदालत ने राज्य की स्पेशल आक्सिलरी पुलिस फोर्स (सैप) में अनुबंध के आधार पर कार्यरत पूर्व सैनिकों के सेवा विस्तार की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया है। इसके बाद अदालत ने सैप में कार्यरत पूर्व सैनिकों की याचिका खारिज कर दी।

    अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि सैप का गठन सात जून 2008 को एक विशेष सरकारी योजना के तहत किया गया था। इस योजना के क्लाज-तीन में स्पष्ट उल्लेख है कि नियुक्ति शुरुआत में दो वर्ष के लिए होगी, जिसे अधिकतम पांच वर्ष और बढ़ाया जा सकता है। यानी कुल सेवा अवधि सात वर्ष निर्धारित है।

    जब योजना में सेवानिवृत्ति की आयु का कोई प्रविधान नहीं है और केवल कार्यकाल तय किया गया है तो कर्मचारी नियमित सरकारी कर्मचारियों के समान अधिकारों की मांग नहीं कर सकते हैं। योजना में कोई भी बदलाव केवल आधिकारिक संशोधन से ही संभव है, किसी सिफारिशी पत्र से नहीं।

    पूर्व सैनिकों का तर्क था कि उनकी सेवानिवृत्ति की उम्र सरकारी कर्मचारियों के बराबर होनी चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि विभाग ने कुछ कर्मियों को 15 साल तक काम करने दिया, जबकि दूसरों को सात साल में ही हटा दिया गया।

    उन्होंने विभाग के भीतर हुई आंतरिक बातचीत और सिफारिशों को आधार बनाकर सेवा विस्तार की मांग की थी। लेकिन हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के सभी तर्कों को खारिज कर दिया।