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    Jharkhand News: झारखंड के ग्राम प्रधानों की बल्ले-बल्ले! अब मिलेगी पहले से दोगुनी राशि; हेमंत सरकार का बड़ा निर्णय

    झारखंड सरकार ने पारंपरिक ग्राम प्रधानों के लिए खुशखबरी दी है। कैबिनेट के फैसले के बाद अब उन्हें पहले से दोगुनी राशि मिलेगी। इस बदलाव से सरकार के बजट पर करीब 45 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आएगा। जानकारी के अनुसार राज्य कैबिनेट ने पूर्व में इससे संबंधित निर्णय लिया था जिसके अनुसार पहले मानकी और परगनैत को तीन हजार रुपये मासिक मिलते थे उन्हें अब छह हजार रुपये मिलेंगे।

    By Ashish Jha Edited By: Mohit Tripathi Updated: Sun, 25 Aug 2024 09:31 AM (IST)
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    पारंपरिक ग्राम प्रधानों की बल्ले-बल्ले, अब मिलेगी दोगुनी राशि।

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड कैबिनेट द्वारा पूर्व में लिए गए निर्णय को अमल में लाने के लिए राजस्व विभाग ने संकल्प जारी कर दिया है।

    जारी संकल्प के अनुसार सभी प्रकार के ग्राम प्रधानों, पड़हा राजा, मानकी, परगनैत, मुंडा, ग्राम प्रधान, डाकुवा, पराणिक, कुड़ाम, नायकी, गौड़ैत, जोगमांझी, मूल रैयत, ग्रामीण दिउरी पुजारी, ग्रामसभा के प्रधान, घटवाल एवं ताकेदार को पूर्व से निर्धारित राशि के दोगुना के करीब राशि हर महीने दी जाएगी।

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    सरकार के बजट पर इस बदलाव से लगभग 45 करोड़ रुपये का भार आएगा। जानकारी के अनुसार, पूर्व में राज्य कैबिनेट ने इससे संबंधित निर्णय लिया था; जिसके अनुसार पहले जहां मानकी और परगनैत को तीन हजार रुपये मासिक मिलते थे, उन्हें अब छह हजार रुपये मिलेंगे।

    राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने इससे संबंधित संकल्प जारी किया है। ग्राम प्रधान को पहले 2000 रुपये हर महीने मिलते थे, इस राशि को बढ़ाकर 4000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है।

    डाकुवा, पराणिक, जोगमांझी, कुड़ाम, नायकी, गोड़ैत, मूल रैयत, ग्रामीण दिउरी पुजारी, पड़हा राजा आदि को हर महीने एक हजार की जगह पर दो हजार रुपये दिए जाएंगे।

    कंप्यूटर ऑपरेटर को समान काम के बदले समान वेतन पर निर्णय लें सचिव

    झारखंड हाई कोर्ट में राज्य के जिलों में ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता के कार्यालय में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा समान काम के बदले समान वेतन की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई।

    सुनवाई के बाद अदालत ने मामले में ग्रामीण विकास विभाग के सचिव को चार माह में प्रार्थियों के संबंध में निर्णय लेने का निर्देश दिया है।

    अदालत ने कहा कि अगर प्रार्थियों की देय राशि बनती है, तो इसका भुगतान उन्हें सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ अदालत ने याचिका निष्पादित कर दी।

    इस संबंध में प्रार्थी प्रेमचंद विनोद टेटे एवं अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। वह जिलों में ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता के कार्यालय में संविदा पर कार्यरत है।

    उनकी ओर से समान काम के बदले समान वेतन देने का आग्रह किया गया था, जिसमें वित्त विभाग के वर्ष 2017 एवं वर्ष 2023 की अधिसूचना का आधार बनाया गया है।

    उनकी ओर से कहा गया था कि वह वर्ष 2005 –06 से संविदा पर कार्यरत है। उन्हें प्रति माह 10500 मिलते हैं। वर्ष 2017 के वित्त विभाग की अधिसूचना के आधार पर पथ निर्माण विभाग सहित अन्य विभाग के कंप्यूटर ऑपरेटर और सचिवालय में कार्यरत ग्रामीण विकास विभाग के संविदा कर्मियों को 26800 रुपये का भुगतान किया जा रहा है। लेकिन राज्य के जिलों में कार्यपालक अभियंता के कार्यालय में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

    वित्त विभाग ने वर्ष 2023 में झारखंड में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर का मानदेय 34400 कर दिया है। इसका लाभ भी प्रार्थियों नहीं मिल रहा है। ऐसे में प्रार्थियों को वित्त विभाग की अधिसूचना के आधार पर समान काम के बदले समान वेतन के तहत देय राशि का भुगतान किया जाए।

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