Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    झारखंड में ITI का क्रेज क्यों हो रहा खत्म... रोजगार के लिए कितना कारगर, सरकार कराएगी अध्ययन

    By Sanjay KumarEdited By:
    Updated: Wed, 06 Jul 2022 07:36 AM (IST)

    Jharkhand News झारखंड में आइटीआइ की लोकप्रियता कम हुई है तथा इनमें नामांकन को लेकर वह क्रेज नहीं रह गया है जो पूर्व में था। आइटीआइ रोजगार प्रदान करने में कितने कारगर हैं। झारखंड सरकार ने इसपर अध्ययन कराने का निर्णय लिया है।

    Hero Image
    Jharkhand News: झारखंड में ITI का क्रेज क्यों हो रहा खत्म, सरकार कराएगी अध्ययन।

    रांची, [नीरज अम्बष्ठ]। Jharkhand News झारखंड के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) युवाओं के कौशल विकास व रोजगार प्रदान करने में कितने कारगर हैं, इसका अध्ययन (ट्रेसर स्टडी) कराया जाएगा। इससे यह भी पता चलेगा कि आखिर किन कारणों से आइटीआइ की लोकप्रियता कम हुई तथा इनमें नामांकन को लेकर वह क्रेज नहीं रह गया है जो पूर्व में था। झारखंड सरकार ने पहली बार आइटीआइ में पढ़ाई पूरी कर चुके युवाओं का अध्ययन कराने का निर्णय लिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह अध्ययन सरकारी एवं गैर सरकारी आइटीआइ में वर्ष 2018 बैच के सफल छात्र-छात्राओं के बीच सैंपल के रूप में कराया जाएगा। कुल 273 आइटीआइ में पढ़ाए जानेवाले 29 ट्रेड में सफल छात्र-छात्राओं को इसमें शामिल किया जाएगा। इसमें न्यूनतम सैंपल साइज 55 आइटीआइ तथा 1,175 सफल छात्रों का होगा। अध्ययन की जिम्मेदारी निजी एजेंसी को दी जाएगी, जिसके लिए ट्रेंडर प्रक्रिया पूरी की जा रही है।

    जानकारों के अनुसार, इस अध्ययन से पता चलेगा कि आइटीआइ उत्तीर्ण विद्यार्थियों में कितने को और किस तरह का रोजगार मिल रहा है। कौन सा ट्रेड रोजगार के लिए कितना उपयोगी है, अध्ययन से यह भी पता चलेगा।

    अध्ययन में ये जानने का किया जाएगा प्रयास...

    • आइटीआइ में प्रशिक्षण से पहले छात्रों के रोजगार और आय की क्या स्थिति थी?
    • आइटीआइ प्रशिक्षित छात्रों की वर्तमान रोजगार और आय की स्थिति क्या है?
    • रोजगार प्राप्त करने में छात्रों के सामने आनेवाली समस्याएं।
    • लिंग और सामाजिक स्थिति के साथ प्रशिक्षुओं की श्रम शक्ति भागीदारी और रोजगार दर।
    • प्रशिक्षुओं द्वारा प्रथम रोजगार प्राप्त करने में लगने वाला समय एवं रोजगार इतिहास तथानौकरी के प्रत्येक परिवर्तन के साथ वेतन में वृद्धि।
    • प्राप्त प्रशिक्षण से छात्र कितने संतुष्ट हैं?

    अध्ययन में क्या होगा खास...

    • अध्ययन में सरकारी व निजी आइटीआइ को उनकी संख्या के अनुपात में शामिल किया जाएगा।
    • प्रत्येक चयनित आइटीआइ से कम से कम 30 पास आउट तथा प्रत्येक ट्रेड में से न्यूनतम 10 पास आउट छात्र-छात्राओं को अध्ययन में शामिल किया जाएगा।
    • प्रत्येक जिले से तीन आइटीआइ (जहां अपेक्षित संख्या में आइटीआइ मौजूद हों) को अध्ययन में शामिल किया जाएगा।
    • अध्ययन में सभी श्रेणी के युवाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाएगा

    गिरी है आइटीआइ की गुणवत्ता, सीटें रह जातीं खाली

    झारखंड के सरकारी आइटीआइ में दिए जानेवाले प्रशिक्षण की गुणवत्ता में कमी आई है। इसकी सबसे बड़ा कारण संस्थानों में प्रशिक्षकों का अभाव है। अधिसंख्य आइटीआइ में प्राचार्य के पद रिक्त हैं। गुणवत्ता में गिरावट आने के कारण ही इनमें बड़ी संख्या में सीटें रिक्त रह जाती हैं। दूसरी तरफ, निजी आइटीआइ खस्ताहाल स्थिति में हैं। उनकी उचित निगरानी भी नहीं होती।