Jharkhand: राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू बोलीं- रोजगार, महिला सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता
Jharkhand Governor राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने रांची में गणतंत्र दिवस मुख्य कार्यक्रम में झंडारोहण किया। संयुक्त सशस्त्र बल के परेड का निरीक्षण किया। कहा कि राज्य की जनता अपने अधिकारों के साथ-साथ अपने संवैधानिक कर्तव्यों के प्रति सजग रहे।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि युवाओं को रोजगार और महिला सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। कई नई योजनाओं की शुरुआत हुई है। राज्यपाल मंगलवार को 72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित मुख्य समारोह में अभिभाषण दे रही थीं। उन्होंने कहा कि झारखंड गठन के बाद पहली बार झारखंड संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा नियमावली गठित की गई है ताकि झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित होनेवाली सभी परीक्षाएं पारदर्शी और निर्विवाद पूरी हो सके।
अब कैलेंडर के अनुसार जेपीएससी की सभी परीक्षाएं समय पर आयोजित होंगी। राज्यपाल ने कहा, हमारी सरकार महिला सुरक्षा के प्रति सजग एवं गंभीर है। 181 हेल्पलाइन से हिंसा से पीड़ित महिलाओं को अविलंब सहायता प्रदान की जाएगी। महिलाओं के अवैध एवं अनैतिक व्यापार की रोकथाम के लिए प्रमंडल मुख्यालयों में उज्ज्वला होम की स्थापना होगी। उन्होंने कहा कि पूर्व से संचालित मुख्यमंत्री राज्य वृद्धावस्था पेंशन को सार्वभौमिक रूप देते हुए सार्वभौमिक वृद्ध कल्याण योजना शुरू की गई है। इसके तहत 100 फीसद वृद्धों को प्रतिमाह 1000 रुपये पेंशन के रूप में बैंक खातों में उपलब्ध कराई जाएगी।
राज्यपाल ने राज्य की जनता से अपने अधिकारों के साथ अपने संवैधानिक कर्तव्यों के प्रति सजग रहने की अपील की। उन्होंने कोरोना पर कहा, झारखंडवासियों के धैर्य एवं अनुशासन तथा कोरोना योद्धाओं के सहयोग से झारखंड में कोरोना महामारी का कुप्रभाव काफी हद तक कम किया गया। इससे पहले राज्यपाल ने संयुक्त सशस्त्र बल परेड का निरीक्षण किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने पुलिस पदाधिकारियों और जवानों को पुलिस पदक प्रदान किया। विभिन्न विभागों ने मनमोहक झांकियां प्रदर्शित कीं।
शहीद अलबर्ट एक्का की बहादुरी दर्शानेवाली झांकी को पहला पुरस्कार
मुख्य समारोह में प्रदर्शित हुई विभिन्न विभागों की झांकियों में सूचना जनसंपर्क विभाग की झांकी को पहला पुरस्कार मिला। यह झांकी परमवीर चक्र विजेता शहीद लांसनायक अल्बर्ट एक्का की बहादुरी पर आधारित थी। झांकी के अग्रभाग में वर्ष 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध की दिशा बदलनेवाले गुमला के अल्बर्ट एक्का को प्रदर्शित किया गया था। झांकी के मध्य भाग में उनकी बहादुरी के क्षणों को जीवंत प्रदर्शित किया गया था, जबकि झांकी के पीछे उनकी समाधि को दर्शाया गया था। दूसरा पुरस्कार पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की झांकी को मिला जो जल जीवन मिशन पर आधारित थी। इसी तरह, तीसरा पुरस्कार परिवहन विभाग की झांकी को मिला। यह झांकी सड़क दुर्घटना से बचाव पर आधारित थी।