Jharkhand: हेमंत सरकार का बड़ा फैसला, इन कर्मचारियों को मिलेंगे 25000 रुपये; बस करना होगा ये काम
सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के सभी अनुसंधानकर्ताओं को 25000 रुपये तक का मोबाइल फोन उपलब्ध कराने का ऐलान किया है। यह मोबाइल फोन देश में लागू तीन नए कानूनों के पालन के लिए अनिवार्य किया गया है। अनुसंधानकर्ता को दिए जाने वाले मोबाइल सेट की अवधि चार वर्ष की होगी। उसके बाद उक्त मोबाइल सेट को विभाग को जमा कर दूसरा मोबाइल सेट प्राप्त करना होगा।

राज्य ब्यूरो, रांची। देश में लागू तीन नए कानूनों के पालन के लिए सभी अनुसंधानकर्ता को राज्य सरकार मोबाइल उपलब्ध कराने जा रही है। कैबिनेट में लिए गए फैसले के आलोक में इससे संबंधित संकल्प सोमवार को जारी हो गया है।
जारी संकल्प के अनुसार, अनुसंधानकर्ता 25 हजार रुपये तक का मोबाइल खरीद सकेंगे, जिसकी राशि सरकार उपलब्ध कराएगी। उक्त मोबाइल का स्क्रीन साइज 6.5 से 6.8 इंच, एंड्रायड वर्जन 13 व इससे अधिक, रैम की मेमोरी 12 जीबी, स्टोरेज 256 जीबी, नेटवर्क फाइव जी होना अनिवार्य है।
उक्त मोबाइल में रियर कैमरा 50 मेगापिक्सल व इससे अधिक, प्रोसेसर ड्रेगन 7जेन वन एंड टू, मेडियाटेक डेंसिटी 7200 से 8200 होनी चाहिए व बैट्री 5000 एमएएच व इससे अधिक की होनी चाहिए।
चार साल बाद मिलेगा दूसरा मोबाइल
अनुसंधानकर्ता को दिए जाने वाले मोबाइल सेट की अवधि चार वर्ष की होगी। उसके बाद उक्त मोबाइल सेट को विभाग को जमा कर दूसरा मोबाइल सेट प्राप्त करना होगा। चार वर्षों के दौरान उपकरण की सुरक्षा तथा डेटा की गोपनीयता एवं सुरक्षा का दायित्व संबंधित अनुसंधानकर्ता का होगा।
ऑडियो-वीडियो इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से किए जाने वाले सभी कार्यों को पूरा करने के लिए डेटा रिचार्ज की अधिसीमा 500 रुपये प्रतिमाह होगी।
अनुसंधानकर्ता स्वयं से डेटा रिचार्ज कर विभाग, कार्यालय से उक्त राशि प्राप्त कर सकेंगे। सेवानिवृत्ति, स्थानांतरण, प्रोन्नति व सेवा से परित्याग की स्थिति में अनुसंधानकर्ता को माेबाइल सेट संबंधित विभाग में जमा करना होगा।
ऑडियो-वीडियो में रिकॉर्ड होगी केस से जुड़ी डिटेल
- जारी संकल्प में बताया गया है कि देश में लागू तीन नए आपराधिक कानूनों के तहत कांडों के अनुसंधान के लिए मोबाइल को अनिवार्य किया गया है। तलाशी व जब्ती को ऑडियो-वीडियो इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से रिकॉर्ड किया जाना है।
- कानूनन तलाशी के दौरान बनाए गए किसी भी रिकॉर्ड की प्रतियां 48 घंटे के भीतर संबंधित मजिस्ट्रेट को भेजा जाना है। इसके साथ ही तलाशी व जब्ती की भी वीडियोग्राफी होनी है।
- गवाहों, शिकायतकर्ताओं व संदेही व्यक्तियों को समन आदि इलेक्ट्रॉनिक मेल से भेजा जाना है। इसके अलावा, शिकायतकर्ता को कांड में हुई प्रगति की रिपोर्ट भी 90 दिनों के भीतर इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दिया जाना है।
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