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    Jharkhand Government: झारखंड सरकार बिना कांटे वाला कैक्टेस के उत्पादन को देगी बढ़ावा, जानिए क्या है इसकी खासियत

    Updated: Sat, 12 Jul 2025 01:01 PM (IST)

    झारखंड सरकार स्पाइनलेस कैक्टस के उत्पादन को बढ़ावा देगी। इस कैक्टस में कांटे नहीं होते हैं। यह विशेष रूप से शुष्क क्षेत्रों में खेती के लिए उपयुक्त है जहां यह चारे फल और अन्य उत्पादों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन हो सकता है। इसके लिए काफी कम पानी की आवश्यकता होती है तथा यह पशुधन चारा का बेहतर विकल्प माना जाता है। इससे दूध उत्पादन में भी वृद्धि होगी।

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    अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन।

     राज्य ब्यूरो,रांची । Jhrkhand Government राज्य में स्पाइनलेस कैक्टस के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। यह एक प्रकार का कैक्टस है, जिसमें कांटे नहीं होते हैं। यह विशेष रूप से शुष्क क्षेत्रों में खेती के लिए उपयुक्त है, जहां यह चारे, फल और अन्य उत्पादों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन हो सकता है।

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    यह पौधा कम पानी की आवश्यकता वाला है और कठोर परिस्थितियों में भी पनप सकता है, जिससे यह उन क्षेत्रों के लिए एक आकर्षक विकल्प बन जाता है, जहां पानी की कमी की समस्या है।

    राज्य मंत्रिपरिषद ने ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्वीकृत प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-जलछाजन विकास अवयव परियोजनाओं में स्पाइनलेस कैक्टस प्लांटेशन में तकनीकी सहयोग प्रदान करने के लिए चार संस्थानों के साथ एमओयू करने की भी स्वीकृति प्रदान की।

    इनमें भारत सरकार के भूमि संसाधन विभाग, इंडियन इंस्टीट्यूट आफ एग्रीकल्चर रिसर्च, नई दिल्ली, इंटरनेशनल सेंटर फार एग्रीकल्चर रिसर्च इन ड्राइ एरिया, मध्य प्रदेश तथा झारखंड राज्य जलछाजन मिशन सम्मिलित हैं।

    इस प्लांटेशन के लिए काफी कम पानी की आवश्यकता होती है तथा यह पशुधन चारा का बेहतर विकल्प माना जाता है। इससे दूध उत्पादन में भी वृद्धि होगी। इसका उपयोग फल, सब्जी एवं औषधि के रूप में होता है।

    Jharkhand Cabinet राज्य मंत्रिपरिषद ने राज्य में निबंधन विभाग द्वारा किए जानेवाले विभिन्न संस्थाओं के निबंधन की दर में संशोधन की स्वीकृति प्रदान कर दी है। बिहार, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों का अध्ययन कर निबंधन शुल्क में वृद्धि का निर्णय लिया गया है।

    इसके तहत अब पूरे देश के लिए काम करनेवाली संस्था के निबंधन के लिए तीन हजार रुपये, केवल राज्य में काम करनेवाली संस्था के निबंधन के लिए दो हजार रुपये तथा केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित संस्था के निबंधन के लिए 50 रुपये मात्र निबंधन शुल्क लगेगा।

    राज्य गठन से लेकर अभी तक संस्थाओं का निबंधन शुल्क 50 रुपये ही था। अब इसके अतिरिक्त आनलाइन निबंधन सह कंप्यूटराइजेशन शुल्क के रूप में उक्त राशि ली जाएगी। बैठक में झारखंड अवर शिक्षा सेवा के पूर्व में सृजित पदों के आलोक में वर्तमान आवश्यकतानुसार पदों का प्रत्यर्पण एवं स्वीकृति दी गई। Ranchi News

    इसके तहत वर्तमान 465 पदों के विरुद्ध प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अवर विद्यालय निरीक्षक के 318 पद होंगे। शेष अनावश्यक पद सरेंडर होंगे।

    नियमावली पर ली जाएगी राज्यपाल की स्वीकृति

    राज्य मंत्रिपरिषद ने झारखंड राज्य के जिला न्यायालयों के लिए इलेक्ट्रानिक संचार और आडियो-वीडियो इलेक्ट्रानिक साधनों के उपयोग नियमावली, 2025 के गठन के पर राज्यपाल अनुमोदन प्राप्त करने के प्रस्ताव पर भी स्वीकृति प्रदान की।

    इस नियमावली का मूल उद्देश्य राज्य के न्यायालयों में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के उपयोग से संबंधित प्रक्रियाओं को समेकित, एकीकृत एवं सुव्यवस्थित करना है।

    राज्य मंत्रिपरिषद ने तत्कालीन शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के लंग ट्रांसप्लांट के बाद एमजीएम अस्पताल, चेन्नई में कराई गई चिकित्सा में वास्तविक व्यय राशि 44.83 लाख रुपये की प्रतिपूर्ति/भुगतान की स्वीकृति दी।

    कई अन्य प्रस्तावों पर भी मिली स्वीकृति

    जिला योजना अनाबद्ध निधि के माध्यम से योजनाओं की स्वीकृति एवं कार्यान्वयन हेतु मार्गदर्शिका में संशोधन की स्वीकृति दी गई। इसके तहत इस निधि की 30 प्रतिशत राशि पुरानी योजनाओं के जीर्णोंद्धार पर खर्च हो सकेगा।

    राज्य प्रशासनिक सेवा की पदाधिकारी सह नामकुम अंचल की तत्कालीन अंचल पदाधिकारी कुमुदिनी टुडू की अपील को अस्वीकार कर दिया गया है।

    उनके विरुद्ध एक आरोप में एक अगस्त 2024 को असंचयात्मक प्रभाव से दो वेतनवृद्धि पर रोक का दंड लगाया गया था, जिसके विरुद्ध उन्होंने राज्य सरकार से दंड वापस लेने की अपील की थी।

    झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में पूर्व पदचर भगत चरण मोहंती को एसीपी/एमएसीपी का लाभ दिया जाएगा।

    स्वैच्छिक सेवानिवृत्त पुलिस अवर निरीक्षक शिव कुमार प्रसाद के चिकित्सा में हुए खर्च की प्रतिपूर्ति के लिए 10,20,966 रुपये की स्वीकृति पर घटनोत्तर स्वीकृति दी गई।

    झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में याचिकाकर्त्ताओं की सेवा 16.01.1994 से नियमितीकरण की स्वीकृति दी गई।

    झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में वादीगणों / वर्ष 2017 में नियुक्त/ कार्यरत खान निरीक्षकों को देय तिथि से सेवा संपुष्टि एवं वेतनवृद्धि अनुमान्य किए जाने के लिए एकबारीय व्यवस्था के तहत सेवा नियमावली में प्रावधानित विभागीय परीक्षा में उत्तीर्णता के आवश्यक शर्त/अर्हता में छूट प्रदान करने की स्वीकृति दी गई।

    तत्कालीन जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, हजारीबाग सम्प्रति-जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, लातेहार दिनेश कुमार मिश्र की चिकित्सा के लिए एयर एंबुलेंस से रांची से दिल्ली ले जाने में हुए खर्च पांच लाख पचहतर हजार एक सौ एक की प्रतिपूर्ति की स्वीकृति दी गई।

    माधुरी खलखो को छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति अंतर्गत वर्णित छात्रवृत्ति की अवधि व पाठ्यक्रम संबंधी पात्रता को विशेष परिस्थिति में शिथिल किया गया।

    साहिबगंज अंतर्गत करमाटांड (मोहनपुर-करमाटांड पथ पर) से जुराल (एसएच-18 पर) सड़क (कुल लंबाई 12.706 किमी) को ग्रामीण कार्य विभाग से पथ निर्माण विभाग को हस्तांतरित करते हुए चौड़ीकरण, मजबूतीकरण एवं पुनर्निर्माण कार्य के लिए 121.74 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।

    उत्तरवर्ती बिहार एवं झारखंड राज्य स्थित एकीकृत बिहार पंचायत राज वित्त निगम लिमिटेड के कर्मियों के बकाया वेतन के भुगतान के लिए झारखंड आकस्मिकता निधि से अग्रिम की निकासी की स्वीकृति दी गई।