Jharkhand Government: अनियमितता के खिलाफ झारखंड सरकार सख्त, दिए निर्देश - योजनाओं की जानकारी लाभुकों को हर हाल में दी जाए
मुख्य सचिव अलका तिवारी ने राज्य के तमाम उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि खाद्य आपूर्ति और सार्वजनिक वितरण व्यवस्था में सुनिश्चित करें कि कोई योग्य लाभुक योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे। दूसरी ओर मृत लाभुकों को चिह्नित कर उनके नाम प्राथमिकता के स्तर पर हटाएं ताकि नये लाभुक जोड़े जा सकें। इस बात पर फोकस करें कि प्रक्रिया और आंकड़ों में कोई त्रुटि नहीं रहे।

राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand Government मुख्य सचिव अलका तिवारी ने राज्य के तमाम उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि खाद्य आपूर्ति और सार्वजनिक वितरण व्यवस्था में सुनिश्चित करें कि कोई योग्य लाभुक योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे।
दूसरी ओर, मृत लाभुकों को चिह्नित कर उनके नाम प्राथमिकता के स्तर पर हटाएं, ताकि नये लाभुक जोड़े जा सकें। इस बात पर फोकस करें कि प्रक्रिया और आंकड़ों में कोई त्रुटि नहीं रहे।
लाभुकों के केवाईसी पूर्ण हों। इसमें कोई समस्या हो तो उसका परीक्षण करें कि कहां दिक्कत है। हर माह इसका भौतिक निरीक्षण करें और रिकार्ड व बुक कीपिंग अपटूडेट रखें। वह सोमवार को खाद्य आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में आवश्यक सुधार को लेकर समीक्षा बैठक कर रही थीं।
साल में दो बार धोती-साड़ी वितरण सुनिश्चित करें
मुख्य सचिव ने निर्धन लोगों के बीच साल में दो बार धोती-साड़ी वितरण को लेकर निर्देश दिया कि इसमें तेजी लाएं। उड़नदस्ता टीम बना कर वितरण की जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि कहीं कोई अनियमितता नहीं हो।
उन्होंने सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लाभुकों के जागरूकता पर बल देते हुए निर्देश दिया कि यह सुनिश्चित होना चाहिए कि लाभुकों को योजना की मूलभूत जानकारी रहे। इसके लिए होर्डिंग, फ्लैक्स, नुक्कड़ नाटक जैसे हर सक्षम माध्यम का उपयोग करें।
उसमें स्थानीय भाषा का प्रयोग करें। लाभुकों को यह हर हाल में पता होना चाहिए कि उन्हें क्या मिलना है, कितना मिलना है, कहां मिलना है और कब मिलना है।
गोदामों को एक्शन प्लान के अनुसार कार्यशील करें
मुख्य सचिव की समीक्षा में पाया गया कि मामूली कमियों के कारण अनेक गोदाम उपयोग में नहीं हैं। इसे देखते हुए निर्देश दिया गया कि उपायुक्त अपने स्तर से इसमें रुचि लेकर गोदामों को उपयोगी बनाना सुनिश्चित करायें। इसके लिए 20 सितंबर तक की टाइम लाइन तय की गई।
उन्होंने कहा कि दिसंबर से धान खरीद की प्रक्रिया शुरू होगी। धान खरीद और उसके संरक्षण को सुगम बनाना है और भुगतान भी त्वरित तरीके से करना है, इसलिए समय रहते कमियों को दूर कर लें।
गोदामों के रख-रखाव के साथ वहां मूलभूत जरूरतों को भी पूरा कर लें। इसे लेकर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि सहकारिता विभाग के गोदामों का आकलन कर उसका भी उपयोग करें।
स्वीकृत नये गोदामों के निर्माण में तेजी लाने पर भी बल दिया गया। मुख्य सचिव ने निर्देशों के अनुपालन में फंड की जरूरत होने पर उसका प्रस्ताव विभाग को देने को कहा।
ससमय खाद्यान्न वितरण उसके ससमय उठाव पर निर्भर करता है, इसलिए उठाव पर पैनी नजर रखें। बताया गया कि इसपर नजर रखने के लिए सेंट्रल कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बनाया गया है।
समीक्षा के दौरान खाद्य सचिव उमाशंकर सिंह और विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे। वहीं राज्य के सभी उपायुक्त आनलाइन माध्यम से जुड़े थे।
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