Adani Power को नोटिस देने की तैयारी में Jharkhand सरकार, बिजली देने के लिए प्रदेश से हुआ था समझौता
झारखंड के गोड्डा जिले में 800 मेगावाट क्षमता के दो ताप विद्युत संयंत्र लगाए हैं। यहां से बिजली का उत्पादन आरंभ हो चुका है। उत्पादित बिजली बांग्लादेश को आपूर्ति की जाती है। पावर प्लांट के लिए समझौते के समय राज्य सरकार और अदाणी पावर के बीच एक करार हुआ था।

प्रदीप सिंह, रांची। अदाणी पावर ने झारखंड के गोड्डा जिले में 800 मेगावाट क्षमता के दो ताप विद्युत संयंत्र लगाए हैं। यहां से बिजली का उत्पादन आरंभ हो चुका है। उत्पादित बिजली बांग्लादेश को आपूर्ति की जाती है।
पावर प्लांट के लिए समझौते के समय राज्य सरकार और अदाणी पावर के बीच एक करार हुआ था। झारखंड सरकार से हुए करार (पावर परचेज एग्रीमेंट) के मुताबिक प्लांट अधिष्ठापन के बाद यहां से कुल उत्पादन की 25 प्रतिशत बिजली सस्ते दर पर राज्य को मुहैया करानी थी।
करार के बावजूद बिजली की समस्या
हालांकि, तत्कालीन सरकार ने इसमें आंशिक संशोधन करते हुए इसकी छूट प्रदान की थी कि अदाणी पावर कहीं से भी बिजली लेकर राज्य को उपलब्ध करा सकती है, लेकिन प्लांट से उत्पादन आरंभ होने के बावजूद करार के मुताबिक राज्य सरकार को बिजली नहीं मिल रही है।
नोटिस देने की तैयारी में राज्य सरकार
ऊर्जा विभाग ने इसके लिए अदाणी पावर से कई बार पत्राचार भी किया, लेकिन कोई पहल नहीं हुई। अब समझौते के अनुपालन के लिए राज्य सरकार अदाणी पावर प्रबंधन को नोटिस देने की तैयारी में है।
ऊर्जा विभाग का कहना है कि एग्रीमेंट के मुताबिक बिजली देने के प्रति अदाणी पावर रुचि नहीं दिखा रहा है। जब राज्य सरकार ने इसके लिए दबाव बनाया तो अदाणी पावर ने छत्तीसगढ़ या दूसरे प्लांट से शर्तों के आधार पर बिजली देने की बात कही।
इसपर आपत्ति जताई गई। कहा गया कि शर्तों के आधार पर बिजली मुहैया कराना समझौते (एमओयू) के अनुरूप नहीं है। यह राज्य सरकार को अनुमान्य भी नहीं है।
इस संबंध में प्रतिक्रिया के लिए अदाणी पावर के अधिकारियों से संपर्क किया गया तो उन्होंने आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया।
400 मेगावाट मिलने से होगी दिक्कत खत्म
समझौते के मुताबिक अगर राज्य सरकार को सस्ते दर पर अदाणी पावर से बिजली मिली तो काफी हद तक बिजली का संकट दूर हो सकता है।
अपने उत्पादन संयंत्र के सीमित उत्पादन के अलावा राज्य सरकार की निर्भरता निजी उत्पादकों, सेंट्रल पूल और एनर्जी एक्सचेंज से मिलने वाली बिजली पर है।
इसके लिए ज्यादा दर चुकानी पड़ती है। सस्ते दर पर बिजली से खजाने का बोझ कम होगा। गर्मी के दिनों में राज्य में बिजली की अधिकतम मांग 2900 मेगावाट है। तमाम स्त्रोत से बिजली लेने के बाद भी कम से कम 300 मेगावाट की लोड शेडिंग होती है।
अदाणी पावर की तरफ से पूर्व में हुए समझौते के प्रति उदासीनता दिख रही है। एमओयू (समझौते) का सम्मान करने के लिए उनको खुद आगे बढ़कर आना चाहिए।
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