Jharkhand News: युवक रोजी- रोटी की तलाश में गए थे गोवा, हादसे के शिकार हुए, तीनों के शव रांची लाए गए
गोवा के एक नाइट क्लब में आग लगने से झारखंड के तीन युवकों की मौत हो गई। प्रदीप महतो, विनोद महतो और मोहित मुंडा के शव सोमवार को रांची लाए गए। एयरपोर्ट प ...और पढ़ें

गोवा के अरपोरा स्थित नाइट क्लब में भीषण आग में मारे गए तीन युवकों के शव सोमवार को हवाई मार्ग से रांची लाए गए।
जागरण संवाददाता, रांची। गोवा के अरपोरा स्थित एक नाइट क्लब में शनिवार रात लगी भीषण आग में मारे गए तीन युवकों के शव सोमवार को हवाई मार्ग से रांची लाए गए। हादसे में फतेहपुर के प्रदीप महतो, विनोद महतो और गोविंदपुर के मोहित मुंडा की मौत हो गई थी।
उनके पार्थिव शरीर रांची पहुंचते ही एयरपोर्ट पर माहौल गमगीन हो गया। परिजन विलाप करते रहे और उन्हें संभालने के लिए स्थानीय लोग तथा जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि भी एयरपोर्ट पहुंचे तए। लोगों ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
एयरपोर्ट से तीनों शवों को एंबुलेंस से उनके गांव ले जाए गए। गांवों में पहले से ही बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा थे। जैसे ही एंबुलेंस वहां पहुंची, पूरे इलाके में मातम पसरा गया। युवकों की अचानक मौत से गांव के लोग सदमे में हैं। परिजनों ने बताया कि तीनों युवक नौकरी करने गोवा गए थे, लेकिन अचानक हुए हादसे ने सब कुछ बदल दिया।
शाम में तीनों का किया जाएगा अंतिम संस्कार
परिवार और ग्रामीणों की उपस्थिति में सोमवार की शाम तीनों युवकों का अंतिम संस्कार किया जाएगा। स्थानीय प्रशासन की ओर से आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है।
गोवा के अरपोरा स्थित नाइट क्लब में लगी भीषण आग में फतेहपुर के प्रदीप महतो (24) और विनोद महतो (22) तथा गोविन्दपुर के मोहित मुंडा की मौत हो गई। तीनों रोजी- रोटी की जुगाड़ में गोवा गए थे। कल रात में जिन परिवारों की अपने बच्चों से बात हो गई, उन्हें कुछ राहत मिली थी।
लेकिन जिनके फोन नहीं लग पा रहे थे या घंटी जाने के बावजूद काल रिसीव नहीं हो रहा था, उनकी चिंता बढ़ती चली गई। गांव के कई लोग अपने घरवालों से संपर्क न होने पर लगातार दोबारा फोन कर रहे थे। कुछ परिजन करीब दो घंटे तक लगातार काल करते रहे, जब तक कि बात नहीं हो गई।
उनके माता-पिता और परिजनों ने अपने बच्चों को तुरंत घर लौटने की सलाह दी। कुछ ने साफ कह दिया कि अभी के हालात में बाहर काम करने न जाएं। फतेहपुर और गोविन्दपुर में हर तरफ सिर्फ एक ही बात पर चर्चा थी कि शव गांव कब पहुंचेगा। ग्रामीण सुबह से शाम तक मृतकों के घरों के बाहर जमा रहे।

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