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    फूड सेफ्टी अफसरों की नियुक्ति में आया बड़ा अपडेट, कोर्ट ने कहा- बिना पात्रता मानदंड तय किए विज्ञापन जारी करना गंभीर लापरवाही

    By Manoj Singh Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Thu, 09 Oct 2025 06:19 PM (IST)

    झारखंड हाई कोर्ट ने फूड सेफ्टी अफसरों की नियुक्ति में देरी पर जेपीएससी से जवाब मांगा है। अदालत ने पात्रता मानदंड तय किए बिना विज्ञापन जारी करने पर नाराजगी जताई और जेपीएससी सचिव को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह मामला मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री से जुड़ा है, जिस पर कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था।

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    हाई कोर्ट ने जेपीएससी सचिव को तलब किया है।

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में राज्य के सभी जिलों में फूड सेफ्टी अफसरों की नियुक्ति से संबंधित मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई।

    सुनवाई के बाद अदालत ने जेपीएससी की जवाब पर नाराजगी जताई। अदालत ने जेपीएससी के सचिव को 16 अक्टूबर को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया है।

    कोर्ट ने पूछा- अब तक शैक्षणिक और समकक्ष योग्यता स्पष्ट क्यों नहीं

    अदालत ने सचिव से पूछा है कि जब वर्ष 2023 में फूड सेफ्टी अफसर की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया था, तो अब तक यह स्पष्ट क्यों नहीं किया गया कि पद के लिए शैक्षणिक और समकक्ष योग्यता क्या होगी।

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    अदालत ने कहा कि बिना पात्रता मानदंड तय किए विज्ञापन जारी करना गंभीर लापरवाही है। जेपीएससी ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह ने
    अदालत को बताया गया कि फूड सेफ्टी अफसर के पद पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन 2023 में जारी किया गया था।

    लेकिन उसमें शैक्षणिक योग्यता से जुड़ी कुछ तकनीकी चूक रह गई थी। इस संबंध में राज्य सरकार से दिशा-निर्देश मांगे गए थे। सरकार ने योग्यता तय करने के लिए एक कमेटी गठित की थी, जिसकी बैठक हो चुकी है। 

    अब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। अदालत ने आयोग के इस जवाब पर असंतोष जताते हुए कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया में इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती।

    कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आयोग के सचिव को अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर यह बताना होगा कि अब तक निर्णय क्यों नहीं हुआ और प्रक्रिया में देरी के लिए कौन जिम्मेदार है।

    बता दें कि राज्य में मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री को लेकर मीडिया रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद हाई कोर्ट स्वत: संज्ञान लिया था।

    इस पर अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि सभी जिलों में फूड सेफ्टी अफसरों की नियुक्ति सुनिश्चित की जाए, ताकि मिलावटखोरी पर अंकुश लगाया जा सके।